इंदिरा जी, राजीव जी, मनमोहन सिंह जी का राजधर्म, वो राजधर्म था, जिसमें समानता, सद्भाव को प्राथमिकता दी गई थी और आप जो कर रहे हैं, उसमें पूर्वाग्रह है; विभाजनकारी मानसिकता है।
इसलिए जरूरी है कि आप राजधर्म निभाइए। https://t.co/nNk3cTxS6d
— Congress (@INCIndia) February 28, 2020
वहीं पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पर पलटवार किया कि अगर (एनआरसी का विरोध करना राष्ट्रविरोधी बात है तो बीजेपी सरकार को ऐसे लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ हम कहते हैं कि एनआरसी असंवैधानिक है। इसका विरोध होना चाहिए। क्या यह उत्तेजना फैलाना हुआ या यह राष्ट्रविरोधी बात है? अगर आपको ऐसा लगता है कि हमें गिरफ्तार करो।’’
आदरणीय रवीशंकर प्रसाद जी,
देश को NPR पर ज्ञान देने से पहले आप इसे बिहार में क्यों नही लागू करवा लेते, जहां से आप सांसद हैं?
बिहार में जे.डी(यू)-भाजपा की एक भाषा और दिल्ली में एक और।
और आपके साथियों, अकाली दल, AIADMK, TRS, YSR को ये ज्ञान कब देंगे? https://t.co/xQiuJxTVQz
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 28, 2020
दरअसल, दिल्ली हिंसा की पृष्ठभूमि में सरकार को राजधर्म का पालन करने की सोनिया गांधी की नसीहत पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास ‘‘वोट बैंक की राजनीति’’ के लिये अधिकारों का दमन करने, अपनी बात से पलटने का रहा है।