प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू के जरिए कांग्रेस पर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर पंडित जवाहरलाल नेहरू चाहते, तो गोवा को 1947 में जब भारत को आजादी मिली उसके कुछ “घंटों के भीतर” मुक्त किया जा सकता था, लेकिन राज्य को पुर्तगाली शासन से मुक्त होने में 15 साल लग गए।
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान पर प्रतिक्रिता देते हुए लोकसभा से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि “कम से कम बीजेपी और आरएसएस ने गोवा को तो आजाद नहीं किया। यह कांग्रेस सरकार के दौरान ही हुआ…पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने चाय बेची। उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि वे नेहरू और उस समय के अन्य नेताओं द्वारा बनाए गए संविधान के कारण पीएम बने।”
गोवा में क्या बोले PM?
दरअसल, गुरुवार को मापुसा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस गोवा को अपना ‘दुश्मन’ मानती रही है और वही व्यवहार अब भी जारी है, जिसे पार्टी द्वारा राज्य पर लगातार थोपी गई राजनीतिक अस्थिरता के माध्यम से देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “बहुत से लोग नहीं जानते कि गोवा भारत की आजादी के 15 साल बाद आजाद हुआ था। (आजादी के बाद) भारत के पास सेना के रूप में एक ताकत थी, एक मजबूत नौसेना थी..काम (गोवा की मुक्ति) कुछ घंटों में हो सकता था, लेकिन कांग्रेस ने 15 साल तक कुछ नहीं किया। 19 दिसंबर 1961 को मुक्त कराया गया। गोवा पहले केंद्र शासित प्रदेश गोवा, दमन और दीव का हिस्सा था। 30 मई 1987 को इसे अलग राज्य का दर्जा मिला।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गोवा को तब “छोड़” दिया जब लोग इसकी मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे थे और सत्याग्रहियों को गोलियों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने कहा, “कांग्रेस सरकार उनके बचाव के लिए नहीं आई।” भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने लाल किले से अपने भाषण में विशेष रूप से कहा था कि वे गोवा को आजाद कराने के लिए सेना नहीं भेजेंगे, उन्होंने उसके लोगों को असहाय छोड़ दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “क्या गोवा के लिये यही तरीका है? गोवा के बारे में कांग्रेस के विचार पहले भी ऐसे थे और अब भी।”