कांग्रेस ने सरकार एवं किसान संगठनों के बीच हो रही नए दौर की बातचीत की पृष्ठभूमि में सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार के लिए आज राष्ट्रवाद की सच्ची परीक्षा है और यह देखना है कि सरकार राष्ट्र हित में काम करती है या फिर पूंजीपतियों के हित को देखती है।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “किसान संघर्ष की उपेक्षा के मामले में मोदी सरकार का अहंकार, अंग्रेज़ी हुकूमत की ज़्यादतियों को भी पीछे छोड़ चुका है।ऐसी अलोकतांत्रिक व ग़ैर-ज़िम्मेदार सरकार भी देश में पहली बार सत्तारूढ़ हुई। मोदी जी, याद रखिएगा, आपकी क्रूर, निरंकुश व तानाशाह सरकार को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।”
सुरजेवाला ने एक अन्य ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘आज राष्ट्रवाद की सच्ची परीक्षा है। क्या मोदी सरकार ‘राष्ट्र हित’ में काम करेगी या फिर ‘साठगांठ वाले कॉरपोरेट के हित’ में?’’
Today is the true test of “Nationalism” !Will Modi Govt act in “National Interest” or “Crony Corporate Interest”?#FarmersProtests #Farmers pic.twitter.com/T5OQT6yeiN— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 4, 2021
कांग्रेस के किसान प्रकोष्ठ ‘अखिल भारतीय किसान कांग्रेस’ के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने उम्मीद जताई कि सरकार आज की बातचीत में किसानों की बात मानेगी और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेगी। सोलंकी ने एक बयान में कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि सरकार को सद्बुद्धि आएगी और वह तीनों काले कानूनों को वापस लेगी। अगर इन कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो किसानों का आंदोलन और तेज होगा। किसान कांग्रेस भी इस लड़ाई को गांव-गांव तक ले जाएगी।’’
गौरतलब है कि किसान संगठनों के बीच सोमवार को नए दौर की बातचीत हो रही है। किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए। अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के निकट पिछले करीब 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि ये कानून कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के कदम हैं और इनसे खेती से बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी तथा किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकते हैं।