नई दिल्ली : लोकसभा में सोमवार को उत्तर प्रदेश में खनन मामले में सीबीआई की छापेमारी का मुद्दा छाया रहा और समाजवादी पार्टी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही तीन बार के स्थगन के बाद करीब तीन बजे दिनभर के लिये स्थगित कर दी गई ।
सदन में कांग्रेस सदस्यों ने राफेल मामले पर तथा अलग-अलग मुद्दों पर अन्नाद्रमुक एवं तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने भी आसन के समीप हंगामा किया। इस दौरान अन्नाद्रमुक एवं तेदेपा के चार सदस्यों को सदन से शेष दिनों की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया।
तीन बार के स्थगन के अपराह्न ढाई बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सदन ने स्वीय विधि संशोधन विधेयक 2018 को संक्षिप्त चर्चा के बाद मंजूरी दे दी । इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने देश के विभिन्न भागों विशेषकर केरल, तमिलनाडु और ओडिशा में आई प्राकृतिक आपदाओं जैसे गाजा, तितली आदि चक्रवातों के विषय पर नियम 193 के तहत चर्चा शुरू करने को कहा। तब अध्यक्ष के आसन के समीप नारेबाजी कर रहे कांग्रेस सदस्य सदन से बाहर जाने लगे। इसी दौरान आसन के समीप नारेबाजी कर रहे समाजवादी पार्टी के सदस्य अखबार और काजग फाड़कर फेंकने लगे। इसमें कागज के कुछ टुकड़े स्पीकर की टेबल पर और लोकसभा महासचिव पर गिरे।
हंगामा बढ़ता देख स्पीकर महाजन ने चर्चा शुरू करने वाले बीजद के भर्तृहरि महताब से कहा कि चर्चा को बाद में लिया जाएगा। इसके बाद सुमित्रा महाजन ने करीब तीन बजे सदन की कार्यवाही दिनभर के लिये स्थगित कर दी । इससे पहले, भोजनावकाश के बाद बैठक शुरू होने पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा की बैठक कुछ ही मिनट के अंदर अपराह्न 2:30 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। इस दौरान अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने को कहा। उन्होंने आसन के बहुत करीब आ रहे सपा सदस्यों से नाराजगी भी जताई। समाजवादी पार्टी ने सोमवार को लोकसभा में सीबीआई पर ‘सरकार का तोता’ होने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि उत्तर प्रदेश में एजेंसी के माध्यम से पार्टी पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों सीबीआई द्वारा मारे गये छापों का मुद्दा उठाते हुए सपा के धर्मेंद्र यादव ने शून्यकाल में कहा कि गत चार जनवरी को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती की शिष्टाचार भेंट के एक दिन बाद ही प्रदेश में सीबीआई की प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई साफ करती है कि सीबीआई केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सीबीआई में गिरावट आई है। एजेंसी सीबीआई का तोता बन गयी है।’’ इसके बाद वह और सपा के अन्य सदस्य आसन के समीप आकर सीबीआई के विरोध में नारेबाजी करने लगे।
तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर सपा सदस्यों का समर्थन जताया। उधर कांग्रेस के सदस्य भी राफेल मामले में जेपीसी जांच की मांग करते हुए आसन के पास आ गये। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामे के बीच ही शून्यकाल चलाया और लगभग एक बजे भोजनावकाश के लिए कार्यवाही को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। वहीं, सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर राफेल मामले पर कांग्रेस, उत्तर प्रदेश के खनन मामले की सीबीआई जांच को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) तथा अलग-अलग मुद्दों पर अन्नाद्रमुक एवं तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों ने भारी हंगामा किया।
शोर शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ मिनटों बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई । प्रश्नकाल शुरू होने के साथ ही कावेरी नदी पर बांध निर्माण का विरोध करते हुए अन्नाद्रमुक और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग करते हुए तेदेपा सदस्य आसन के निकट पहुंच गए। कांग्रेस के सदस्य भी राफेल मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग करते हुए आसन के निकट आ गए। उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं। सपा के धर्मेंद्र यादव ने अपने स्थान पर खड़े होकर खनन मामले की जांच का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा का गठबंधन होने के साथ ही सीबीआई का दुरुपयोग शुरू कर दिया गया है।
हंगामे के बीच ही तेदेपा सदस्य एन शिवप्रसाद अपने हाथ में चाबुक ले कर आसन के समीप पहुंच गए और उससे खुद को मारने लगे। इस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि यह ठीक नहीं है। सुमित्रा महाजन ने हंगामा कर रहे सदस्यों को अपने स्थान पर जाने को कहा, लेकिन शोर-शराबा नहीं थमता देख उन्होंने कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही स्थगित होते ही तेदेपा सदस्य शिवप्रसाद ने सदन में एक ऑडियो प्लेयर ऑन कर दिया जिससे तेज आवाज में एक दक्षिण भारतीय गाना बजने लगा। इस आडियो प्लेयर को भाजपा सदस्य अनुराग ठाकुर ने बंद किया। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह लोकसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के कारण स्पीकर ने अन्नाद्रमुक और तेदेपा सदस्यों सहित 45 सांसदों को मौजूदा सत्र की शेष अवधि से निलंबित कर दिया था।