कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनके द्वारा की गई लगभग सभी नियुक्तियां और उनके फैसलों में संविधान व परिपाटी की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। इसके साथ ही पार्टी ने दावा किया कि उनके फैसले विचार-विमर्श के बिना होते हैं।
पार्टी ने यह टिप्पणी ऐसे दिन की है जब उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयुक्त (ईसी) के तौर पर अरुण गोयल की नियुक्ति में ‘‘जल्दबाजी’’ को लेकर सवाल उठाया।
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि नए निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति में ‘‘बहुत तेजी’’ दिखायी गयी। इसमें कोई नयी बात नहीं है। श्री मोदी के लगभग सभी फैसलों और उनके द्वारा की जाने वाली नियुक्तियों में परिपाटी और संविधान का उल्लंघन होता है।
Supreme Court has observed that appointment of new Election Commissioner was done in a ‘tearing hurry’. Nothing new. Almost all appointments and decisions of Mr. Modi has involved tearing of Convention and Constitution with no Consultation’.
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) November 24, 2022
उच्चतम न्यायालय द्वारा सवाल किए जाने के बीच केंद्र ने न्यायालय की टिप्पणियों का विरोध किया और अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी ने इसका प्रतिवाद करते हुए कहा कि गोयल की नियुक्ति से जुड़े पूरे मामले पर विस्तारपूर्वक गौर किया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने निर्वाचन आयुक्त के तौर पर गोयल की नियुक्ति से जुड़ी मूल फाइल पर गौर किया और कहा, ‘‘यह किस तरह का मूल्यांकन है? हम अरुण गोयल की योग्यता पर नहीं बल्कि प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं।’’