कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में हुए राष्ट्रपति के अभिभाषण को निराशाजनक करार देते हुए सोमवार को कहा कि इसमें जमीनी हकीकत और मौजूदा चुनौतियों का उल्लेख नहीं किया जाना ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने समाज में दूरियां बढ़ने और अमीर व गरीब के बीच खाई गहरी होने का दावा करते हुए कहा कि घृणा और हिंसा से देश का हित नहीं होता।
अभिभाषण पर चर्चा
राज्यसभा में अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर जारी चर्चा में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा, ‘‘एक लकीर खींची जा रही है और बांटने की बातें की जा रही है लेकिन कई संगठन हैं जो घृणा फैला रहे हैं और हिंसा करते जा रहै हैं। हालांकि यह किसी का हित नहीं करते। जबकि हम नहीं चाहते कि भारत की ऐसी छवि बन जाए।अत: हम वही चाहते हैं जो विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस और गांधी के दर्शन में है। कृपा कर उसको बचा कर रखें। यह दूसरा दर्शन बड़ा खतरनाक है।’’
भारत की आत्मा पर घाव
जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सबका है और सभी को मिलकर इसे आगे लेकर जाना है। अगर बच्चों के दिमाग में…नौजवानों के दिन में लकीरें खींची जाएंगी तो यह भारत की आत्मा पर घाव होगा, जिसकी कीमत देश को चुकानी पड़ेगी।’’शर्मा ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में उम्मीद की जाती है कि वस्तु स्थिति के बारे में ईमानदारी से देश को अवगत कराया जाए और जो कमियां हैं, उनको सुधारा जाए तथा जो चुनौतियां देश के सामने हैं, उनसे भी देश को आगाह किया जाएगा।हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण है, इनकी कोई चर्चा नहीं है। यह निराशाजनक है। जमीनी हकीकत और चुनौतियों को नजरअंदाज करता है।’’उन्होंने कहा कि अभिभाषण में एक ‘‘सुनहरी तस्वीर’’ दिखाई गई है और एक ऐसी तस्वीर पेश की गई कि देश चिंतामुक्त और खुशहाल है तथा विश्व में आर्थिक प्रगति में पहले नंबर पर है और हर मोर्चे पर कामयाब है।’’
बेरोजगारी देश की बड़ी समस्या
बेरोजगारी को देश के समक्ष बहुत बड़ी चुनौती करार देते हुए शर्मा ने कहा कि यह स्थिति बेहद ‘‘खौफनाक’’ है। आर्थिक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कांग्रेस सदस्य ने कहा कि आज देश के 42 करोड़ युवा बेरोजगार हैं।उन्होंने कहा, ‘‘गरीबों और अमीरों के बीच की खाई बढ़ती जा रही है, रोजगार और उद्योग व बाजार टूट रहे हैं।’’नौजवानों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने का जिक्र करते हुए शर्मा ने कहा कि अगर अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती जाए तो समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा।उन्होंने कहा, ‘‘आज एक प्रतिशत भारतवासियों के पास देश का 42.5 प्रतिशत पैसा है और 10 प्रतिशत के पास 74.3 प्रतिशत पैसे हैं। इस स्थिति पर गौर करना पड़ेगा।’’
भारत का 72 साल का एक सफर
सत्ता पक्ष के सदस्यों द्वारा 2014 के बाद देश का ‘‘असली विकास’’ होने के दावों पर तंज कसते हुए शर्मा ने कहा कि भारत का उदय 2014 में नहीं हुआ बल्कि यह 72 साल का एक सफर है।उन्होंने कहा, ‘‘देश में पहला आईआईटी 1951 में बना था लेकिन 1974 में भारत में पहला परमाणु विस्फोट हुआ था.. हम अंतरिक्ष में गए। हम उन लोगों में नहीं है, जो कहेंगे कि हमारी सरकार में ही सब कुछ हुआ। हम बंजर भारत नहीं छोड़ कर गए थे बल्कि एक परमाणु शक्ति बनाकर गए थे। दो ‘ट्रिलियन’ की अर्थव्यवस्था छोड़ कर गए थे। हमने सब किया कि मानसिकता से देश का भला नहीं होगा।’’अभिभाषण में राष्ट्रीय सुरक्षा का कोई जिक्र नहीं होने का उल्लेख करते हुए शर्मा ने कहा कि आज लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक चीन के साथ सीमा पर गतिरोध बना हुआ है लेकिन यह सरकार इस स्थिति पर सदन में चर्चा नहीं करती है।