विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वनुमान में कटौती किये जाने का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि गरीबी भयावह रूप ले रही है, लेकिन सरकार बेख़बर है। उन्होंने कहा कल शाम विश्व बैंक (World Bank) ने इस साल तीसरी बार हमारी अनुमानित जीडीपी (GDP) वृद्धि दर को घटा कर 7.5% से 6.5% कर दिया। विश्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में भारत में ग़रीबी बढ़ने पर चिंता जताते हुए यह बड़ा खुलासा किया कि कोविड काल में क़रीब 5.6 करोड़ लोग अत्यधिक ग़रीबी के दायरे में चले गए।
सुझावों पर अमल किया होता तो बच जाते गरीब
श्रीनेत ने यह दावा भी किया कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कांग्रेस के सुझावों पर अमल किया होता तो गरीब बच जाते। श्रीनेत ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल गांधी ने इसी स्थिति की आशंका के चलते – महामारी के दौरान बार बार गरीबों की कुछ आर्थिक मदद की मांग की थी, जिसको सरकार ने अनसुना किया – अगर सुन लिया होता तो करोड़ों लोग गरीबी के चंगुल में नहीं फंसते और लाखों मज़दूर चिलचिलाती धूप में पैदल ना चलते ।
खोखला प्रचार कर रही है मोदी सरकार
उन्होंने दावा किया, हालात बदतर होते जा रहे हैं। रुपया टूट कर 82.33 प्रति डॉलर पर जा पहुंचा है। निर्यात में 3.5 प्रतिशत की गिरावट हुई है, कम उपभोग के चलते निवेश भी कुंद है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम होता जा रहा है। इस स्थिति में भी सरकार को तो कोई चिंता ही नहीं है। खोखला प्रचार जारी है, पहले मोदी जी आलू से सोना बना रहे थे, अब ड्रोनाचार्य बनकर ड्रोन से आलू उठवाएंगे। श्रीनेत ने सवाल किया, जब कच्चे तेल का दाम 116 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर 91 डॉलर प्रति बैरल आ गया तो हमारे यहाँ दाम क्यों नहीं घटाए गए? CNG का दाम 6 रुपये और PNG का दाम 4 रूपये बढ़ा कर किसका भला कर रहे हैं?