कांग्रेस ने शुक्रवार को (यानी आज) ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना से जुड़ी केंद्र सरकार की एक हालिया बैठक को लेकर सवाल किया कि आखिर कोविड-19 महामारी के समय केंद्र 20 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को आगे बढ़ाने पर इस कदर आमादा क्यों हैं ? कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने यह भी कहा कि इस परियोजना के बहुत ज्यादा आगे बढ़ जाने से पहले ही, सुप्रीम कोर्ट को इससे संबंधित याचिका पर निर्णय करना चाहिए।
सिंघवी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘ सेंट्रल विस्टा के संदर्भ में 23 अप्रैल को एक बैठक हुई। मेरा सरल प्रश्न है कि जब पूरा देश में महामारी का सामना कर रहा है तो सरकार निर्माण कार्य करने के मोड में क्यों चली गई है?’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस परियोजना को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
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जानबूझकर यह प्रयास किया जा रहा है कि इस याचिका को निरर्थक कर दिया जाए।’’ सिंघवी के मुताबिक, इस परियोजना पर 20 हजार करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च है। यह रकम अगर प्रवासी मजदूरों के लिए खर्च कर दी जाए, तो उनका बहुत भला होगा।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘यह किसकी छाप के लिए किया जा रहा है? मोदी महल किसकी विरासत स्थापित करने के लिए खड़ा किया जा रहा है? क्या किसी पहचान को अजर-अमर करने के लिए यह सब किया जा रहा है?’’ उन्होंने कहा कि अगर इसमें से एक हजार करोड़ रुपये खर्च कर दें तो मध्य दिल्ली के कई सरकारी भवन चमक सकते हैं। सिंघवी ने कहा कि , ‘‘हम इसका पूरी ताकत से विरोध करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय से हम मांग करते हैं कि वह इस काम के बहुत ज्यादा आगे बढ़ जाने से पहले ही इस पर निर्णय करे ।