रायपुर : संसदीय सचिवों की मुसीबत अब दिल्ली के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के गले पड़ने वाली है। मामला कोर्ट में है और इंतजार बेसब्री से फैसले का हो रहा है। छत्तीसगढ़ के 11 संसदीय सचिवों का मुद्दा हाईकोर्ट में ले जाने वाले वरीष्ठ कांग्रेसी नेता मोहम्मद अकबर ने सरकार के साथ-साथ राज्यपाल पर भी संगीन आरोप लगाये।
उन्होंने कहा कि संसदीय सचिव की नियुक्ति नियम के खिलाफ है, उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देशों का सरकार पालन नहीं कर रही है। मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिव गाड़ी, बंगला जैसी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं, जबकि कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय निर्वाचन आयोग से उन्होंने 1 साल पहले भी शिकायत की थी, वहीं राज्यपाल को भी 11 याचिकाएं देकर मामले की शिकायत कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं कर रही है। मोहम्मद अकबर ने कहा कि राज्यपाल बलरामदासजी टंडन ने शिकायत को चुनाव आयोग को प्रेषित नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की भूमिका सही नहीं है, वे अपने दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल कांग्रेस के साथ पक्षपात कर रहे हैं।
मोहम्मद अकबर ने कहा कि दिल्ली में भाजपाईयों ने शिकायत की, तो वहां आप के 20 विधायकों पर कार्रवाई हो गई, लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी लगातार संसदीय सचिवों को लेकर शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से अब हाईकोर्ट में तत्काल सुनवाई की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर फैसला कांग्रेस के पक्ष में आता है, तो छत्तीसगढ़ के 11 संसदीय सचिवों की विधायकी चली जाएगी और ऐसी स्थिति में रमन सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
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