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संसद सत्र में सीमा के हालात, अर्थव्यवस्था पर चर्चा की मांग करेगी कांग्रेस

कांग्रेस ने शनिवार को फैसला किया कि वह संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सीमा पर हालात, अर्थव्यवस्था की स्थिति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण जैसे विषयों पर चर्चा की मांग करेगी।

कांग्रेस ने शनिवार को फैसला किया कि वह संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सीमा पर हालात, अर्थव्यवस्था की स्थिति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण जैसे विषयों पर चर्चा की मांग करेगी।
हालांकि, राहुल गांधी समेत इसके कई नेताओं के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के कारण संसद सत्र में भाग लेने की संभावना नहीं है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बने रह सकते हैं। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर पार्टी के संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई। इसमें पार्टी ने यह निर्णय भी लिया कि देश में संवैधानिक संस्थाओं को ‘कमजोर’ करने के मुद्दे को भी उठाया जाएगा।
पार्टी ने यह भी कहा कि सरकार को जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी करनी चाहिए क्योंकि अनेक दलों ने इसकी मांग की है।
संसद सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा और इसमें कांग्रेस ने सरकार को चीन के साथ सीमा के मुद्दे, अर्थव्यवस्था के हालात और ईडब्ल्यूएस आरक्षण जैसे विषयों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि संसद के 17 दिनी सत्र के लिए उनकी पार्टी की ओर से ये बड़े मुद्दे सामने आये हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत और चीन के बीच पिछले 22 महीने से तनाव है और संसद में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है। कांग्रेस चाहेगी कि इस विषय पर संसद में चर्चा हो।’’
रमेश ने सिलसिलेवार ट्वीट किये और कहा, ‘‘60 साल पहले, जब चीनी घुसपैठ का दूसरा चरण चल रहा था, तब संसद चल रही थी। चर्चा हो रही थी और प्रधानमंत्री सुन रहे थे। हालांकि पिछले ढाई साल से संसद में सीमा के हालात पर भी चर्चा के लिए अवसर नहीं दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शायद इसमें कोई आश्चर्य नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री ऑन रिकार्ड 19 जून, 2020 को कह चुके हैं कि कोई चीनी घुसपैठ नहीं हुई।’’
रमेश ने बताया कि कांग्रेस सचेतक अगले दो-तीन दिन में विपक्ष के नेताओं से बातचीत करेंगे तथा इन विषयों पर संसद में चर्चा के लिए संयुक्त रणनीति की वकालत करेंगे।
जब पूछा गया कि क्या खड़गे की जगह किसी और को नेता प्रतिपक्ष बनाने के विषय पर बात हुई तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं हुई।
रमेश ने कहा, ‘‘सोनियाजी हमारे संसदीय दल की अध्यक्ष हैं और खड़गे पार्टी के अध्यक्ष हैं। इन मुद्दों पर किसी समिति में चर्चा नहीं हो सकती। जो भी जरूरी होगा हमारी संसदीय दल की अध्यक्ष चर्चा करेंगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खड़गे जी न केवल कांग्रेस अध्यक्ष के नाते बल्कि विपक्ष के नेता के रूप में भी सभी दलों से बातचीत करेंगे।’’
रमेश ने सीमा की स्थिति पर चर्चा के मुद्दे पर कहा, ‘‘देशभक्ति पर सरकार का एकाधिकार नहीं है। हम एकजुटता के साथ संकल्प जताने के लिए इस पर चर्चा चाहते हैं। हम समझते हैं कि क्या चीज संवेदनशील है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सभी समुदायों के लिए ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
बैठक में रमेश के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, वरिष्ठ पार्टी नेता पी चिदंबरम, के सी वेणुगोपाल, मनीष तिवारी, के सुरेश और मणिकम टैगोर आदि शामिल हुए।
कांग्रेस संसद सत्र में महंगाई और रुपये के गिरते मूल्य के विषय के साथ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिक होने के मुद्दे को भी उठाएगी।

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