कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान एक बार फिर राहुल गांधी को मिल सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अगले साल सितंबर में चुनाव हो सकते है। साथ ही आपको यह भी बता दें की कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत ने राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा है। जिस पर G-23 नेताओं समेत सभी सदस्यों ने अपनी सहमति जताई। इससे पहले आज सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक शुरू हुई।
आपको बता दें कि ये जानकारी ऐसे समय पर सामने आई है, जब शनिवार को नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पर कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई। वहीं, देश की सबसे पुरानी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया। दरअसल, पार्टी अध्यक्ष को लेकर ये मांग इसलिए भी बढ़ गई थी, क्योंकि पंजाब में पार्टी के भीतर सियासी घमासान देखने को मिला था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आज़ाद समेत ‘जी 23’ समूह के कुछ नेताओं की ओर से पिछले दिनों सार्वजनिक रूप दिए जाने की पृष्ठभूमि में शनिवार को उन्होंने उन्हें निशाने पर लिया और नसीहत देते हुए कहा कि वह ही पार्टी की स्थायी अध्यक्ष हैं तथा उनसे बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में यह भी बताया कि अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी की जानी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण ही इसे टालना पड़ा। और उन्होंने कहा कि मुझे आप पूर्णकालिक अध्यक्ष ही मानिए।
कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने पर सिब्बल ने किया था कटाक्ष
कपिल सिब्बल ने पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर कहा था कि CWC की बैठक बुलाई जानी चाहिए और संगठनात्मक चुनाव होने चाहिए। सिब्बल ने नेताओं के पार्टी छोड़ने का उल्लेख करते हुए गांधी परिवार पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया कि जो लोग इनके खासमखास थे वो छोड़कर चले गए, लेकिन जिन्हें वे खासमखास नहीं मानते वे आज भी इनके साथ खड़े हैं। दरअसल, सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद, लुईजिन्हो फालेरियो और कई अन्य वरिष्ठ नेता पिछले कुछ महीनों में कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो गए हैं।
किसान आंदोलन और जम्मू-कश्मीर में हुई हत्याओं को लेकर सोनिया ने कही ये बात
दूसरी ओर, सोनिया ने बैठक के दौरान बीजेपी नीत केंद्र सरकार किसान आंदोलन और जम्मू-कश्मीर में हो रही हत्याओं को लेकर हमला बोला। सोनिया ने कहा, लखीमपुरी खीरी की घटना बीजेपी की किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी की असल मानसिकता को दिखाती है। ये दिखाती है कि बीजेपी किसान आंदोलन को किस नजरिए से देखती है। इसने दिखाया है कि बीजेपी किसानों द्वारा अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए इस दृढ़ संघर्ष से कैसे निपट रही है। जम्मू-कश्मीर में हुई हत्याओं की निंदा करते हुए सोनिया ने कहा कि दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने और प्रदेश में शांति और सौहार्द बहाल करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है।