कांग्रेस ने अपने चिंतन शिविर के आखिरी दिन रविवार को कई बड़े सुधारों वाले ‘नवसंकल्प’ मसौदे को पसंद किया, जिसमें ‘एक परिवार, एक टिकट’ की व्यवस्था सबसे प्रमुख है। साथ ही, यह शर्त भी रखी गई है कि परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति को टिकट तभी मिलेगा, जब उसने संगठन के लिए कम से कम पांच साल तक काम किया हो।
सूत्रों के अनुसार, ‘एक परिवार, एक टिकट’ की व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रावधान को मंजूरी देने के साथ ही पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यकों का संगठन में प्रतिनिधित्व बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने को भी स्वीकृति प्रदान की है।
चिंतन शिविर में उठा EVM प्रतिबंधन और गठबंधन का मुद्दा
कांग्रेस के ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की जगह बैलेट पेपर से मतदान करने की सिफारिश की गई है, यहां तक की 2024 के आम चुनावों में पार्टी के घोषणा पत्र में ईवीएम पर प्रतिबंधको जोड़ने की भी मांग उठी है। शिविर में शामिल सदस्यों ने कहा कि जापान और अमेरिका ने ईवीएम के साथ प्रयोग किया था। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मशीनों के कामकाज में कमियां स्वीकार ने के बाद यह देश बैलेट पेपर पर लौट आए, जो हमे भारत में भी करना चाहिए।
इसके साथ ही चिंतन शिविर में कांग्रेस के गठबंधन को लेकर भी चर्चा हुई, इस बात पुरजोर दिया गया कि भाजपा को हारने के लिए समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट होना चाहिए और एक मजबूत गठबंधन करना चाहिए। सदस्यों के मुताबिक यह कदम बहुत अच्छा और दूरगामी होगा।
‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ से पहले सोनिया ने बनाई 6 कमेटियां
बता दें कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘नवसंकल्प चिंतन शिविर’ से पहले राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, अर्थव्यवस्था, संगठन, किसान एवं कृषि तथा युवा और सशक्तीकरण से संबंधित समन्वय समितियां गठित की थीं। इन समितियों की अलग-अलग बैठकों में 400 से अधिक नेताओं ने पिछले दो दिन में गहन मंथन किया और पार्टी के संगठन में सुधार तथा कई अन्य विषयों पर सुझाव दिए।
सभी वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को सौंपी अपनी सिफारिशें
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक आरंभ होने से पहले राजनीतिक मामलों की समन्वय समिति के संयोजक मल्लिकार्जुन खड़गे, सामाजिक न्याय संबंधी समन्वय समिति के संयोजक सलमान खुर्शीद, संगठन संबंधी समन्वय समिति के संयोजक मुकुल वासनिक ने अपनी-अपनी सिफारिशें पार्टी अध्यक्ष को सौंपी। इनके अलावा कृषि संबंधी समन्वय समिति के संयोजक भूपेंद्र सिंह हुड्डा, अर्थव्यवस्था संबंधी समन्वय समिति के प्रमुख पी चिदंबरम और युवा मामलों की समिति के संयोजक अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने भी अपनी-अपनी सिफारिशें सोनिया गांधी को सौंपी।