कांग्रेस ने कोविड-19 रोधी टीके लगाये जाने के बाद ‘टीकाकरण पश्चात प्रतिकूल प्रभाव’ (एईएफआई) के संदर्भ में केंद्र सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में दिए गए हलफनामे को लेकर बुधवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार कभी किसी चीज के लिए जिम्मेदार नहीं है।
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा भी किया कि सरकार ने ‘‘थैंक यू मोदी जी, हर वैक्सीन सर्टिफ़िकेट पर फ़ोटो से ले कर हमारी कोई ज़िम्मेदारी नहीं है” तक का सफ़र बड़ी जल्दी तय कर लिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘देश में कहीं भी अगर कोविड टीके के दुष्प्रभाव से मौत हो रही है तो उसके लिए सरकार ज़िम्मेदार नहीं है - लोग मर्ज़ी से टीके लगवा रहे हैं, मोदी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफ़नामा में यह कहा है। वैसे यह सरकार किसी चीज़ के लिए कभी भी ज़िम्मेदार नहीं है।’’
किसी घटना से मौत को लेकर सरकार मुआवजा देने के लिए जवाबदेह नहीं
उल्लेखनीय है कि केंद्र ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि कोविड-19 रोधी टीके लगाये जाने के बाद ‘टीकाकरण पश्चात प्रतिकूल प्रभाव’ (एईएफआई) की किसी घटना से मौत को लेकर सरकार मुआवजा देने के लिए जवाबदेह नहीं हो सकती।
केंद्र सरकार देश में कोविड महामारी से निपटने के लिए शुरू से ही जोरशोर के साथ टीकाकरण अभियान चला रही है और ताजा रिपोर्ट के अनुसार देशभर में कोविड-19 रोधी टीकों की 219 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं। इस तथ्य के मद्देनजर केंद्र द्वारा शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कोविड टीकाकरण के बाद कथित रूप से प्रतिकूल प्रभावों से दो लड़कियों की मौत के मामले में उनके माता-पिता की याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल किया गया था।