रायपुर : छत्तीसगढ़ के चुनावी मिशन में कांग्रेस अब संकल्प शिविरों के जरिए रणनीतियां आगे बढ़ाएगी। बीते विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के फार्मूले को ही आगे बढ़ाया जाएगा। उस दौरान पटेल की अगुवाई में मंथन शिविरों के जरिए निचले स्तर पर चुनावी प्रशिक्षण की कवायदें हुई थी। हालांकि झीरम हत्याकांड के बाद शिविरों पर ब्रेक लग गया था।
अब पहले चरण में राज्य के बिलासपुर संभाग में कवायदें शुरू होगी। यहां की 24 सीटों पर कांग्रेस ने फोकस किया है। छह दिनों के प्रशिक्षण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शिरकत करते हुए कार्यकर्ताओं से सीधी चर्चा करेंगे। वहीं इस मामले में सभी सीटों में रणनीतियों को अमलीजामा पहनाया जाएगा। बिलासपुर के बाद अन्य संभागों में भी विधानसभावार प्रशिक्षण शिविरों के जरिए बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को टिप्स दिए जाएंगे।
राज्य में सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस की इन कवायदेां को अहम माना जा रहा है। कांग्रेस ने बूथ और जोन के साथ सेक्टर कमेटियां गठित कर तैयारी की है। वहीं बूथ स्तरों पर चुनावी अभियान के लिए कार्यकर्ताओं की तैनाती भी कर दी है। चुनावी घमासान के बीच कांग्रेस पहली बार काडर के बेस पर चुनावी मैदान में उतरेगी। वहीं इस बार प्रत्याशी के बजाए संगठन चुनाव लड़ेगा। संगठन की ओर से प्रत्याशियों को सहयोग दिया जाएगा।
सभी शिविरों में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी होगी। सत्ता में वापसी और चुनावी रणनीतियों को लेकर कांग्रेस के रणनीतिकार कोई कसर बाकी छोड़ने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं। सभी सीटों के समीकरणों को लेकर बूथ स्तर पर लगातार मानिटरिंग के साथ अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए प्रभारियों को भी टास्क दिए गए हैं। वहीं ईवीएम में गड़बडिय़ों पर भी नजर रखने विशेषज्ञ पदाधिकारियों की नियुक्ति हर बूथ में करने की योजना है।
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