केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश में पोलावरम बहुउद्देशीय परियोजना के निर्माण की अवधि बुधवार को दो साल के लिए बढ़ा दी।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि इस सिलसिले में एक आदेश पर बुधवार को हस्ताक्षर किया गया।
गौरतलब है कि 2011 में, केंद्र की तत्कालीन सरकार ने आंध्र प्रदेश सरकार को पोलावरम परियोजना पर निर्माण कार्य रोकने के लिए कहा था।
वहीं, साल 2014 में राजग सरकार ने पोलावरम को एक राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दिया और मंत्रालय ने निर्माण कार्य की अनुमति देने के लिए ‘कार्य रोकने संबंधी आदेश’ को स्थगित कर दिया।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि काम रोकने संबंधी आदेश को एक-एक साल के लिए छह बार स्थगन में रखा गया।
जावड़ेकर ने कहा कि यह परियोजना आंध्र प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लगभग तीन लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचित करेगी और 960 मेगावाट पनबिजली पैदा करेगी और साथ ही विशाखापत्तनम, पूर्वी गोदावरी एवं पश्चिम गोदावरी तथा कृष्णा जिलों में 540 गांवों की 25 लाख आबादी को पेयजल मुहैया करेगी।
जावड़ेकर ने कहा कि मोदी सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है और इस पर तेजी से काम करने की जरूरत है। इसलिए, हमने इसे दो साल का विस्तार दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘आज मैंने आदेश पर हस्ताक्षर किया।’’
इस परियोजना के तहत गोदावरी नदी पर बांध बनाया जा रहा है और इसकी अधिकतम ऊंचाई 48 मीटर है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि परियोजना के मुख्य बांध के दिसंबर 2018 तक पूरा होने की उम्मीद थी। इस साल के चुनाव से पहले आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि परियोजना काफी हद तक जून 2019 तक पूरी हो जाएगी।
हालांकि, छह मई को नायडू ने परियोजना के दौरे पर परियोजना की समय सीमा संशोधित कर जून 2020 कर दी।