‘बुली बाई’ नामक ऐप को लेकर सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया है। दरअसल, ओपन-सोर्स प्लेटफॉर्म गिटहब का इस्तेमाल करते हुए बिना अनुमति के इस विवादस्पद ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड की गईं, महिलाओं की फोटो अपलोड करने के साथ ही प्राइस टैग लगाकर डील ऑफ द डे लिखा गया है। जिसके बाद कई लोगों ने पुलिस से शिकायत करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। आइए जानते हैं आखिर क्या है ‘बुल्ली बाई’ ऐप।
गिटहब ने ब्लॉक किया अपराधी का अकाउंट
ऐप में नामित महिलाओं में से एक पत्रकार ने ट्विटर पर दावा किया कि गिटहब पर ‘सुल्ली डील्स’ की तरह ‘बुली बाई’ नामक एक समूह बनाया गया, जो मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें उनके सोशल मीडिया अकाउंट से लेगा और लोगों को उनकी “नीलामी” में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा। सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अपराधी के अकाउंट को गिटहब ने ब्लॉक कर दिया है और पुलिस और कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी) मामले की जांच कर रही है।
असदुद्दीन ओवैसी ने किया महिलाओं का समर्थन
अश्विनी वैष्णव ने रविवार को ट्वीट किया, “गिटहब ने आज सुबह ही यूजर को ब्लॉक करने की पुष्टि की। सीईआरटी और पुलिस अधिकारी आगे की कार्रवाई में समन्वय कर रहे हैं।” शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर महिलाओं का समर्थन किया। उन्होंने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी मामले का संज्ञान लेने को कहा।
प्रियंका चतुर्वेदी ने साधा वैष्णव पर निशाना
ओवैसी ने ट्वीट किया, घृणित। अधिकारियों की निष्क्रियता ने इन अपराधियों को बेशर्म बना दिया है। अश्विनी वैष्णव @NCWIndia @DelhiPolice कृपया जांच करें और सख्त कार्रवाई करें। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा मैंने बार-बार माननीय से पूछा है। आईटी मंत्री @AshwiniVaishnaw जी प्लेटफॉर्म जैसे #sullideals के माध्यम से महिलाओं के इस तरह के बड़े पैमाने पर कुप्रथा और सांप्रदायिक लक्ष्यीकरण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए। शर्म की बात है कि इसे लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है।
मुंबई साइबर पुलिस ने मामले में शुरू की जांच
बाद में, प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि उन्होंने इस मामले को मुंबई पुलिस के समक्ष उठाया और मांग करते हुए कहा कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। @CPMumbaiPolice और DCP क्राइम रश्मि करंदीकर जी से बात की है। वे इसकी जांच करेंगे। हस्तक्षेप के लिए @DGPMaharashtra से भी बात की है। उम्मीद है कि इस तरह की गलत और सेक्सिस्ट साइटों के पीछे के लोगों को पकड़ा जाएगा। मुंबई साइबर पुलिस ने आपत्तिजनक सामग्री के संबंध में जांच शुरू कर दी है।
सुली डील केस किस बारे में था?
4 जुलाई, 2021 को कई ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने ‘सुल्ली डील्स’ नाम के एक ऐप के स्क्रीनशॉट साझा किए, जिसे गिटहब पर एक अज्ञात समूह द्वारा बनाया गया था। ऐप में एक टैगलाइन थी जिस पर लिखा था “सुल्ली डील ऑफ द डे” और इसे मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों के साथ लगाया गया था। ‘सुली’ महिलाओं के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला अपमानजनक शब्द है।
ऐप बनाने वाले अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से अवैध रूप से मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें लेकर उन्हें ट्रोल करते थे, तस्वीरों का गलत इस्तेमाल कर और लोगों को महिलाओं की “नीलामी” में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। ‘सुली डील’ विवाद में दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2 एफआईआर दर्ज की थीं। दिल्ली पुलिस ने बताया था कि उन्हें गिटहब से कोई जवाब नहीं मिला है, भले ही सरकार द्वारा ‘सुल्ली डील’ मामले के संबंध में एक पत्र लिखा गया था।