कांग्रेस के अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर लगातार सस्पेंस बना हुआ है। वहीं दिग्विजय ने एक बड़ी घोषणा की है। दिग्विजय ने कहा है की वह अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। अध्यक्ष पद को लेकर इतने दिनों से चली आ रही भागदौड़ में कभी अशोक गहलोत का नाम चर्चा में आ रहा था लेकिन कल यानि गुरूवार को गहलोत ने साफ़ कर दिया है की वह अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन नहीं भरेंगे। वहीं अब मल्लिकार्जुन खड़गे का चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा चल रही है।
खड़गे ही गांधी परिवारकी पसंद बनकर अध्यक्ष पद के दावेदार ?
बता दें, दिग्विजय सिंह की मल्लिकार्जुन खड़गे से हुई मुलाकात के बाद दिग्विजय का नामांकन न दाखिल करने की चर्चा बनी हुई थी। दिग्विजय ने नामांकन नहीं भरने का फैसला लिया अब सीधा मुकाबला मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच देखा जएगा । शशि थरूर को बागी जी-23 का नेता माना जाता है वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी गांधी परिवार का साथ देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अशोक गहलोत के बदले रवैया के बाद अब खड़गे ही गांधी परिवार और पार्टी की पसंद बनकर अध्यक्ष पद को संभाल सकते है।
G-23 नेताओं की आनंद शर्मा से मुलाकात में ब्योरे का खुलासा नहीं
खड़गे ने गुरुवार रात को सोनिया गांधी से भी मुलाकात की है। खड़गे कर्नाटक के दलित नेता हैं इसलिए उन्हें कांग्रेस आलाकमान का मनपसंद चेहरा माना जा रहा है। वहीं इससे पहले गुरुवार देर रात मनीष तिवारी, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपिंदर सिंह हुड्डा समेत G-23 नेताओं ने आनंद शर्मा के घर पर मुलाकात की, लेकिन इस मुलाकात के ब्योरे का खुलासा नहीं किया गया है।
दिग्विजय के पार्टी अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ था ?
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को ऐलान किया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। मध्य प्रदेश में राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना था कि पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के पार्टी अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ होता दिख रहा था । हालांकि, यह तब ही पता चेलगा जब प्रतियोगी अपना नामांकन दाखिल करेंगे और चुनाव होंगे।
दिग्विजय ने किया अध्यक्ष चुनाव के लिए अपना न भरने का फैसला नामांकन
गौर करने वाली बात यह है थी की दिग्विजय सिंह ने नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय से नामांकन पत्र लिया था और ऐलान किया किया था की वह अखिल भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे। वहीं मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल में अपने आवास पर पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी और पार्टी नेताओं से दिग्विजय सिंह का समर्थन करने के लिए दिल्ली पहुंचने का आदेश दिया था ।