दुनियाभर में नए कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या लाखों के पार हो गयी है वही , देश में भी कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 600 के ज्यादा पहुंच चुकी है । इस बीच,प्रशासन ने हालात से निपटने के लिए तैयारियों को तेज कर दिया है और संक्रमितों के इलाज के लिए सैन्य आयुध फैक्टरियों और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के अस्पतालों में 2,000 बिस्तरों की व्यवस्था पृथक वार्ड के तहत की है।
वहीं शिमला के अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त तैयारियों के अलावा हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रावासों के 2,000 कमरों को पृथक केंद्र बनाने के लिए अपने कब्जे में लिया है।
कोलकाता में एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शहर में 2,200 बिस्तरों के सरकारी अस्पताल में अन्य बीमारियों के नये मरीजों की भर्ती बंद कर दी गई है और जो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं एवं उनकी हालत स्थिर हैं उन्हें छुट्टी दी जा रही है ताकि पृथक केंद्र बनाया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के लोगों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए दोहराया कि सामाजिक मेल मिलाप से दूरी और घरों में रहना ही कोरोना वायरस से निपटने का एकमात्र कारगर तरीका है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस के संक्रमण से करीब एक लाख ठीक हो चुके हैं, यह तथ्य रेखांकित करने की जरूरत है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘ लोगों को इस तथ्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए कि यह कितना खतरनाक विषाणु है। यह बीमारी अमीरों और गरीबों में भेद नहीं करती।’’
प्रशासन इस महामारी से निपटने की तैयारियों को ऐसे समय तेज कर रहा है जब अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के दल का आकलन है कि अगर मामलों के बढ़ने की गति यही रही तो मई के मध्य तक देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या करीब एक लाख तक पहुंच जाएगी।
अंत:विषय शोधकर्ताओं के दल ‘‘कोव-इंड-19 अध्ययन समूह’’ द्वारा संकलित रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने महामारी के शुरुआती दौर में अमेरिका और इटली जैसे देशों के मुकाबले कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए बेहतर काम किया। हालांकि, वास्तविक संक्रमित मामलों के आकलन पर आलोचनात्मक टिप्पणी की गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में 116 और केरल में 109 मामलों के साथ देशभर में 612 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है जिनमें 562 का इलाज चल रहा है और 40 ठीक हो चुके हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से 10 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें तमिलनाडु में बुधवार को हुई पहली मौत भी शामिल है।
पूरे देश में कोरोना वायरस से मौतों की संख्या में महाराष्ट्र में हुई तीसरी मौत को शामिल नहीं किया गया जैसा कि बृह्न मुंबई महानगर पालिका ने मंगलवार को दावा किया था। मंत्रालय द्वारा मंगलवार को कोरोना वायरस से दिल्ली में दूसरी मौत की पुष्टि की गई थी लेकिन हालिया आंकड़े में इसे शामिल नहीं किया क्योंकि यह मौत कोरोना वायरस के संक्रमण से नहीं हुई है।
इस बीच, दिल को सुकून देने वाली घटना देखने को मिली। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमित पहले मरीज, पुणे का एक दंपत्ति जब ठीक होकर बुधवार दोपहर घर पहुंचा तो सोसाइटी के लोगों ने भावनात्मक स्वागत किया।
पुणे के सिंहगढ़ रोड स्थित हाउसिंग सोसाइटी में जब 51 वर्षीय व्यक्ति और 43 वर्षीय उनकी पत्नी इलाज कराकर और पूरी तरह से ठीक होकर आए तब सोसाइटी के सभी लोगों ने बालकनी में ताली बजाकर और बर्तन बजाकर उनका स्वागत किया।
दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि पूरे देश में अर्धसैनिक बलों के 32 अस्पतालों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। उन्होंने बताया कि 1,900 बिस्तरों की क्षमता वाले इन अस्पतालों को पृथक वार्ड में तब्दील कर कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के संयुक्त अस्पतालों को इस्तेमाल करने का त्वरित फैसला केंद्रीय गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता सीमा प्रबंधन के सचिव ने की।
अर्ध सैनिक बलों के चिकित्सा इकाईयों द्वारा जारी आदेश की जानकारी ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को मिली है जिसके मुताबिक संक्रमित मरीजों के आने की स्थिति में अस्पतालों को पृथक वार्ड सह कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज के लिए चिह्नित किया गया है।
इन 32 अस्पतालों का संचालन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) जैसे बल करते हैं और ये ग्रेटर नोएडा, हैदराबाद, गुवाहाटी, जम्मू, टेकनपुर (ग्वालियर), दीमापुर, इंफाल, नागपुर, सिल्चर, भोपाल, अवाडी, जोधपुर, कोलकाता, पुणे और बेंगलुरु समेत अन्य जगहों पर हैं ।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन 32 तयशुदा अस्पतालों में कुल 1,890 बेड हैं।
आदेश में कहा गया है कि इन अस्पतालों में भर्ती जवान और उनके परिवार के सदस्यों को कोरोना वायरस संक्रमितों मरीजों की संख्या बढ़ने की स्थिति पर अन्य स्थानों पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
चीन से लगती सीमा की निगरानी की जिम्मेदारी निभा रहा आईटीबीपी पहले ही सशस्त्र बलों द्वारा संचालित सबसे बड़े पृथक केंद्र का संचालन कर रहा है। दिल्ली के छावला स्थित आईटीबीपी के पृथक केंद्र में 1,000 लोगों को रखने की क्षमता है।
रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) ने कोरोना वायरस के मामलों से निपटने के वास्ते पृथक वार्ड के लिए कुल 285 बिस्तर निर्धारित किए हैं ।
मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि जबलपुर में वाहन फैक्टरी में अस्पताल में 40 बेड, इशापुर में धातु एवं स्टील फैक्टरी तथा कोसिपुर में बंदूक और गोला फैक्टरी, खडकी में आग्नेयास्त्र फैक्टरी, कानपुर में आयुध फैक्टरी, खामरिया में आयुध फैक्टरी और अंबाझरी में आयुध फैक्टरी में 30-30 बिस्तर तय किए गए हैं ।
अंबरनाथ में आयुध फैक्टरी में 25 बेड और अवाडी (चेन्नई)में भारी वाहन कारखाना और मेडक में आयुध फैक्टरी में 25-25 बिस्तर निर्धारित किए गए हैं ।
कोलकाता में एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने सरकारी अस्पताल को पूरी तरह से कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज के लिए पृथक केंद्र में तब्दील कर दिया है। इस अस्पताल में पहले से भर्ती मरीजों को छुट्टी दी जा रही है और नए मरीजों को भी नहीं लिया जा रहा है ताकि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का यहां इलाज किया जा सके।
एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने बुधवार को बताया कि चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, कोलकाता में पृथक वार्ड और कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज का काम शनिवार से पूरी तरह शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मंगलवार से हमने उन मरीजों को छुट्टी देना शुरू कर दिया है जिनकी हालत अब बेहतर है। हमने नए मरीजों को भर्ती करने से भी इनकार कर दिया है खासतौर से जो महिलाएं गर्भवती हैं तथा उन्हें अन्य अस्पतालों में भेज रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरे अस्पताल को पृथक केंद्र में बदलने और कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने के लिए राज्य सरकार की योजना के अनुसार किया गया है। इस अस्पताल में 2,200 बिस्तरों की सुविधा है।’’
जम्मू-कश्मीर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच कश्मीर के प्रशासन ने चिंता जताई है कि घाटी में वास्तविक संक्रमितों की संख्या अबतक सामने आए 11 मामलों से अधिक हो सकती है क्योंकि कई लोगों ने यात्रा के बारे में जानकारी छिपाई है।
श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि प्रशासन के पास ऐसे कई संदेश आए हैं कि लोगों ने पृथक रहने से बचने के लिए यात्रा के बारे में जानकारी छिपायी है।
वहीं श्रीनगर में कोरोना वायरस से संक्रमण का संदिग्ध मरीज बुधवार को अस्पताल से भाग गया। हालांकि, तुरंत पता लगाकर दोबारा उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चौधरी ने बताया, ‘‘ संदिग्ध मरीज ने हंगरी की यात्रा की थी और डल गेट स्थित चेस्ट डीसीज अस्पताल से बुधवार दोपहर भाग गया। वह श्रीनगर के बटमालू का रहने वाला है और उसे मंगलवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और नमूना जांच के लिए भेजा गया है।’’
उन्होंने बताया कि अन्य मरीजों की जान को खतरे में डॉलने के कारण उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर अस्पतालों पर संभावित दबाव को देखते हुए बायोकॉन की प्रमुख किरण मजूमदार ने कहा कि वह और होटलों को पृथक केंद्र सह अस्पताल क्षेत्र के रूप में देखना चाहती हैं।
उन्होंने बेंगलुरु में ‘‘पीटीआई-भाषा’’से कहा, ‘‘ अस्पताल जाने से पहले लोगों में बहुत ही मामूली लक्षण होते हैं और वे ठीक भी हो जाते हैं, उन्हें अस्पताल जाने और वहां भीड़ बढ़ाने की जरूरत नहीं है।’’
इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने पृथक रहने के निर्देश की अवहेलना करने वालों पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं)की धारा 188 (सरकारी कर्मचारी के कानूनी आदेश की अवज्ञा) के तहत कार्रवाई करने की बुधवार को चेतावनी दी।
राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘जिन्हें स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर या अस्पताल में पृथक रहने का निर्देश दिया गया है वे इसे मानने के लिए बाध्य हैं अन्यथा भादंसं के तहत कानूनी कार्यवाई की जाएगी जिसमें एक महीने की जेल और 200 रुपये का जुर्माना है।’’
आदेश में कहा गया, ‘‘अगर आदेश की आवहेलना से किसी व्यक्ति की जान, स्वास्थ्य या सुरक्षा को खतरा होता है तो इस धारा के तहत व्यक्ति को छह महीने का कारावास या एक हजार रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकता है।
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बताया कि लोक निर्माण विभाग ने करीब 22,000 कमरों में 55,000 बिस्तरों की व्यवस्था की है जिनका इस्तेमाल कोरोना वायरस के मरीजों के लिए अस्थायी अस्पताल के तौर पर किया जा सकता है।
लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण ने पत्रकारों को बताया ‘‘ लोक निर्माण विभाग ने 22,118 कमरों में 55,707 बिस्तरों की व्यवस्था की है ताकि कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।’’
कर्नाटक में बंदी का उल्लंघन करने पर रोके गए दो लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया।
पुलिस ने बताया कि यह घटना बुधवार को बेंगलुरु के संजय नगर पुलिस थाने की है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि युवकों का एक समूह पुलिस आरक्षी से बहस कर रहा है और इसके बाद दो युवक पुलिसकर्मी पर हमला कर रहे हैं और धक्का दे रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि दोनों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके साथियों की तलाश की जा रही है।
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने बताया, ‘‘हमने दो उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। उनकी मोटरसाइकिल भी जब्त कर ली है। भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (सेवारत लोक सेवक पर कर्मी पर हमला और आपराधिक बल प्रयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह गैरजमानती अपराध है।। उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा और हमारा मानना है कि अदालत उन्हें जेल भेजेगी।’’
राव ने बताया कि लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए पास प्रणाली लागू करने का फैसला किया गया है।
उन्होंने बताया कि दो तरह के पास जारी किए जाएंगे। एक व्यक्ति के लिए और दूसरा वाहन के लिए होगा।’’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित तीन हफ्ते की बंदी से प्रभावित दैनिक वेतन भोगी कामगारों के परिवारों को बेंगलुरु में खाने का सामान वितरित किया।
आरएसएस के कार्यकारी ने बताया कि प्रत्येक चिह्नित कामगार परिवार को पांच किलो चावल, एक किलो अरहर की दाल, 500 मिलीलीटर खाने का तेल, 500 ग्राम नमक, एक किलो प्याज, एक किलो आलू वितरित किया।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र सरकार से बुधवार को 1,500 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की।
राज्य सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग जरिये संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीमित संसाधन के साथ सबकुछ करना मुश्किल है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘दो दिन पहले सर्वदलीय बैठक में भी हमने यही अनुरोध किया। मौजूदा परिस्थितियों में केंद्र को राज्य के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपये का कोष बनाया है लेकिन सभी जरूरी उपकरणों जैसे जीवन रक्षक प्रणली की खरीद के लिए यह पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने इस महामारी से प्रभावित सभी राज्यों के लिए पैकेज घोषित करने की मांग की।
तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने बुधवार को लोगों से अपील की कि वे कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित तीन हफ्ते के राष्ट्रव्यापी बंदी का अनुपालन करें।