पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कोविड-19 के कारण वैश्विक बाजारों पर पड़े गहरे संकट को देखते हुए मंत्री ने उपाय साझा करते हुए इस वैश्विक महामारी से उपजे आर्थिक संकट के बीच सभी निर्यातकों से अपील करते हुए इस समय निर्यात के लिए खास बाजारों और उत्पादों की पहचान करने को कहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 की वजह से इस समय वैश्विक बाजारों गंभीर संकट है, ऐसे में निर्यातकों को ऐसे बाजारों की तलाश करनी चाहिए जहां की सरकारों ने पैकेज के जरिये मांग को समर्थन दिया है। इसके लिए उन्होंने अमेरिका और यूरोप का उदाहरण दिया।
निर्यातकों के संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सदस्यों के साथ साथ ऑनलाइन परिचर्चा में प्रभु ने कहा, ‘‘घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों इस समय अपने सबसे गंभीर संकट के दौर में हैं। ऐसे में इस समय निर्यात क्षेत्र की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। ऐसे में निर्यात के लिए विशेष बाजारों और उत्पादों की पहचान करना आज समय की जरूरत है।’’ प्रभु ने कहा कि निर्यातकों के समक्ष कर्ज मिलने में कठिनायी एक बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बैंकिंग क्षेत्र निर्यातकों की कर्ज की जरूरत पूरा करें।
प्रभु ने सुझाव दिया कि केंद्रीय बैंक को बैंकों के जरिये निर्यातकों के लिए बाहरी बाजार की संवेदनशीलता से जुड़ी ऋण सुविधा निर्यातकों को उपलब्ध करानी चाहिए। साथ ही केंद्रीय बैंक को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए बैंक इस सेवा के लिए ऊंची दर नहीं लें। इससे निर्यातकों को सस्ती लागत का वित्तपोषण उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि निर्यात की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए क्षेत्रवार अध्ययन किया जाना चाहिए ताकि अर्थव्यवस्था में प्रमुख अड़चनों को दूर किया जा सके।