नयी दिल्ली : कोरोना वायरस की मार झेल रहे पूरे देश में लॉकडाउन हो रखा है ऐसे में वायरस की रोकथाम के लिए देशभर में लॉकडाउन होने के कारण गरीब और मजदूर वर्ग के लोग परेशान हो रहे हैं। सरकार ने गरीबों की परेशानियों को देखते हुए अपने खजाने खोलने शुरू कर दिए हैं। जनधन योजना, पेंशन, सामाजिक न्याय विभाग के संबंधित खातों में रुपए डालना शुरू कर दिए हैं।
इसी कड़ी के सन्दर्भ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की देने की घोषणा की थी और साथ ही तीन महीने तक महिलाओं को 500 रूपए प्रतिमाह देने की योजना भी बनाई थी। जिसकी पहली किस्त 20 करोड़ महिलाओं के जनधन खातों में 500- 500 रुपये जमा करवा दी गई है। देश में कोरोना वायरस महामारी फैलने की वजह से 21 दिन की बंदी लागू है। वित्त मंत्री ने कहा था कि 20.5 करोड़ महिला खाताधारकों को तीन महीने तक प्रत्येक महीने 500 रुपये दिए जाएंगे। इससे संकट के इस समय उन्हें अपने घर को चलाने में मदद मिलेगी।
सूत्रों ने कहा कि प्रत्येक खाताधारक के खाते में पैसा पहुंच गया है। लाभार्थी ‘सामाजिक दूरी’ की जरूरत को ध्यान में रखकर (भीड़ न लगाते हुए) राशि की निकासी अब कर सकती हैं। भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने लाभार्थियों द्वारा पैसा निकालने में अफरातफरी से बचने और सामाजिक दूरी की जरूरत को पूरा करने को अप्रैल माह में सभी बैंकों के लिए सारिणी तय की है। बैंक शाखाओं को भीड़भाड़ से बचाने के लिए यह पैसा महिला खाताधारकों के खातों में पांच दिन में स्थानांतरित किया गया।
ऐसी महिला खाताधारक जिनके खातों का अंतिम अंक शून्य और एक है, उनके खातों में तीन अप्रैल को पैसा डाला गया। दो और तीन अंक वाले खातों में चार अप्रैल को, चार और पांच अंतिम अंक के खातों में सात अप्रैल को पैसा डाला गया। आईबीए ने कहा कि आठ और नौ अंतिम अंक वाले खातों में नौ अप्रैल को पैसा डाला जाएगा। इन महिला खाताधारकों में 500-500 रुपये की दो और किस्तें मई और जून में स्थानांतरित की जाएंगी।