देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वायरस के खिलाफ देश के हर तबके का नागरिक अपने-अपने स्तर पर सहयोग दे रिहा है। राजनीति जगत से भी लगातार सहयोग के लिए नेता आगे आ रहें हैं। केंद्रीय मानव संसाधान विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने के लिए स्थापित प्रधानमंत्री राहत कोष में अपना एक महीने का वेतन दान करने की घोषणा की है।
निशंक ने कहा, “कोरोना वायरस के इस वैश्विक संकट के दौर में इस महामारी से लड़ने के लिए आर्थिक सहयोग के रूप में महीने का वेतन प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कर रहा हूं। जरूरत पड़ने पर व्यक्तिगत स्तर पर आगे और भी यथासंभव सहयोग की कोशिश करूंगा।” उन्होंने सभी देशवासियों से इस संकट की घड़ी में एकजुट रहने और प्रधानमंत्री एवं स्वास्थ्य विभाग की अपील को मानने का निवेदन भी किया।
उन्होंने कहा, “मैं सभी देशवासियों से हाथ जोड़कर निवेदन करना चाहता हूं कि वे प्रधानमंत्री जी कीअपील को मानते हुए अपने अपने घरों में रहकर इस महामारी के खिलाफ जंग मेंअपना सहयोग दें। इसके अलावा जो भी व्यक्ति इस वायरस के खिलाफ लड़ाई आर्थिक सहयोग देना चाहता हो वो भी प्रधानमंत्री राहत कोष में धनराशि जमा करवा सकते हैं।” भारत में इस महामारी के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए सरकार ने आज ही राहत पैकेज भी घोषणा की है।
मंत्री ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों से भी अपील की है कि वो इस खतरनाक महामारी के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक करें और उनको लॉकडाउन का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। वहीं सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने छात्रों अभिभावकों और शिक्षकों को लॉकडाउन के इस समय का सदुपयोग करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, “लॉकडाउन का यह समय बच्चों, अध्यापकों अभिभावकों तीनों के लिए सुनहरा अवसर लेकर आया है। सबके पास असीमित समय, घर जैसी की प्रयोगशाला, इंटरनेट पर मौजूद दुनिया के सारे संसाधन चुटकियों में उपलब्ध हैं।”