नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश में तेजाब हमला पीड़ितों की दशा को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अंतिम अवसर देते हुए चार हफ्तों में अपना जवाब दाखिल करने को कहा। जनहित याचिका में खुले बाजार में तेजाब की बिक्री पर भी सवाल उठाया गया गया है। साथ ही, पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि तीन लाख रुपये से बढ़ा कर कम से कम 12 लाख रुपये करने का निर्देश देने की मांग की है।
शीर्ष न्यायालय ने इस बात का जिक्र किया कि अब तक सिर्फ 13 राज्यों और अन्य ने ही अपने जवाब दाखिल किये हैं न्यायालय ने केंद्र और सभी 29 राज्यों, सात केंद्र शासित प्रदेशों सहित 42 पक्षों को इस सिलसिले में फरवरी 2018 में नोटिस जारी किया था।
न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने पीआईएल दायर करने वाले अधिवक्ता अनुज कपूर को तेजाब हमला पीड़ितों की मदद के लिए एवं इन राज्यों में तेजाब की बिक्री का नियमन करने के लिए उठाए गए कदमों के ब्योरे का इस सिलसिले में अब तक दाखिल हलफनामों से संकलन करने को कहा। पीठ ने कपूर से कहा, ‘‘इस बारे में सारिणी तैयार करें कि न्यायालय के दिशा-निर्देशों का किन राज्यों ने पालन किया है और किन-किन राज्यों ने नहीं किया है।’’