नौसेना ने अपने तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सामान्य कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन अधिकारियों के खिलाफ यह प्रक्रिया वर्ष 2016 में युद्धपोत ‘आईएनएस बेतवा’ से जुड़े एक दुर्घटना मामले की उच्चस्तरीय जांच में कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही का दोषी पाए जाने पर शुरू की गई है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दो कमांडर और पोत के कैप्टन के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्यवाही 26 जुलाई को मुम्बई में शुरू हुई। उन्होंने बताया कि तीनों अधिकारियों के खिलाफ यह कार्यवाही बोर्ड आफ इन्क्वायरी की जांच के निष्कर्षों के आधार पर शुरू की गई है। बोर्ड आफ इन्क्वायरी ने इस मामले की एक विस्तृत जांच की थी।
पांच दिसम्बर 2016 को मुम्बई स्थित एक ‘ड्राई डॉक’ में ब्रह्मपुत्र श्रेणी का गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट पलट गया था। इस दुर्घटना में नौसेना के दो कर्मियों की मौत हो गई थी। यह भारतीय नौसेना के इतिहास में अपने तरह की पहली ऐसी दुर्घटना थी।
3850 टन वजनी गाइडेड मिसाइल फ्रिगेड ‘अनडॉकिंग’ के समय पलट गया था। इसके बाद नौसेना की काफी आलोचना हुई थी।
सूत्रों ने कहा कि बोर्ड आफ इन्क्वायरी ने अपनी रिपोर्ट में कर्मियों की ओर से ‘‘बड़ी गलती’’ और ‘‘लापरवाही’’ का उल्लेख किया था।
उन्होंने बताया कि हालांकि कैप्टन और दोनों कमांडर ने स्वयं पर लगे आरोपों का विरोध किया और सामान्य कोर्ट मार्शल शुरू किये जाने का विकल्प चुना।
सूत्रों ने कहा कि चूंकि अधिकारियों ने उच्च स्तरीय जांच के निष्कर्षों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया उनके खिलाफ सामान्य कोर्ट मार्शल शुरू की गई जिस दौरान उन्हें अपना बचाव करने का पूरा मौका मिलेगा।
इस पोत का नाम बेतवा नदी के नाम पर रखा गया है। 126 मीटर लंबे इस पोत को 2004 में नौसेना की सेवा में शामिल किया गया था।
आईएनएस बेतवा पश्चिम नौसेना कमान के प्रमुख युद्धपोतों में से एक है और यह उरान पोत रोधी मिसाइल, बराक..1 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और टारपीडो से लैस है।
नौसेना ने पोत की मरम्मत का काम लगभग पूरा कर लिया है और इसके अगले कुछ महीनों में संचालन ड्यूटी में लौटने की उम्मीद है।