देश की शीर्ष अदालत, उच्चतम न्यायालय कथित मलयालम समाचार चैनल ‘मीडियावन’ की उस याचिका पर 11 मार्च को सुनवाई करने के लिए सोमवार को राजी हो गया, जिसमें सुरक्षा कारणों से उसका प्रसारण बंद करने का फैसला बरकरार रखने के केरल उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती दी गयी है।
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने समाचार चैनल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे की दलीलों पर गौर किया कि याचिका पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है। वरिष्ठ वकील ने कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर है। हम 11 वर्षों से काम कर रहे हैं और हमारे 350 कर्मचारी तथा लाखों दर्शक हैं। हमें गृह मंत्रालय की कुछ गोपनीय फाइलों के कारण बंद कर दिया गया। उच्च न्यायालय की एकल पीठ और खंडपीठ दोनों ने इसे (सरकार की कार्रवाई) को न्यायोचित ठहराया है।’’
उन्होंने कहा कि यह बहुत गंभीर है और इस मुद्दे से सूचना का अधिकार और प्रेस की आजादी जुड़ी है। इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘एक उचित पीठ के समक्ष शुक्रवार को सूचीबद्ध कीजिए।’’ इससे पहले, केरल उच्च न्यायालय ने मलयालम समाचार चैनल के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था और केंद्र सरकार के 31 जनवरी के फैसले को चुनौती देने वाली ‘माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड’ की याचिका को खारिज कर दिया था। मीडियावन का संचालन ‘माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड’ कंपनी करती है।