उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक ए के बस्सी की अपने तबादले के खिलाफ दायर याचिका पर तीन सप्ताह बाद सुनवाई करेगा। बस्सी ने आरोप लगाया है कि पोर्ट ब्लयेर के लिये उनका तबादला दुर्भावनापूर्ण है और इससे जांच ब्यूरो के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ एजेन्सी की जांच प्रभावित होगी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा कि इस तबादले को लेकर अपनी शिकायत के बारे में बस्सी जांच ब्यूरो के निदेशक के समक्ष प्रतिवेदन कर सकते हैं। बस्सी की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस मामले में जांच ब्यूरो को अभी अपना जवाब दाखिल करना है। इस पर पीठ ने कहा कि बस्सी की याचिका पर तीन सप्ताह बाद आगे सुनवाई की जायेगी।
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शीर्ष अदालत ने बस्सी का पोर्ट ब्लेयर तबादला किये जाने को चुनौती देने वाली याचिका पर 31 जनवरी को सीबीआई से जवाब मांगा था। बस्सी ने अपने 11 जनवरी के तबादला आदेश को चुनौती दी है और कहा है कि यह शीर्ष अदालत के फैसले में दिये गये निर्देशों का उल्लंघन है।
जांच ब्यूरो के तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रहे बस्सी ने कहा था कि सीबीआई के वर्तमान अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है क्योंकि वह नहीं चाहते कि याचिकाकर्ता अस्थाना मामले में दर्ज प्राथमिकी की स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से जांच करे।
बस्सी ने कहा कि यह राव ही थे जिन्होंने 24 अक्टूबर, 2018 को उनका तबादला पोर्टब्लेयर करने का आदेश दिया था और यह वही व्यक्ति है जिसके इशारे पर उनका तबादला अंडमान निकोबार किया जा रहा है।