देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच लोगों का इलाज़ कर रहे 420 डॉक्टरों ने अपनी जान गंवा दी। वहीं राजधानी दिल्ली में 100 डॉक्टरों की मौत हुई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में मृतक डॉक्टरों की संख्या सबसे ज्यादा है।
इसके अलावा बिहार में 96, यूपी में 41 डॉक्टरों की कोरोना के कारण मौत हुई है। आंध्र प्रदेश में 26, असम में 3, गुजरात में 31, गोवा-हरियाणा में 2, महाराष्ट्र में 15, मध्य प्रदेश में 13 डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई। सबसे कम पंजाब और पुडुचेरी में है। यहां एक-एक डॉक्टर की मौत हुई है।
एक दिन में रिकॉर्ड टेस्टिंग करने वाला राज्य बना UP
आईएमए के अनुसार उत्तर प्रदेश में एक दिन में कोरोना की रिकॉर्ड टेस्टिंग की गई है। एक दिन में यूपी में 3.07 लाख नमूने टेस्ट किए गए हैं। ऐसा करने वाला यूपी पहली प्रदेश बन गया है। यूपी में राहत की बात यह है कि टेस्टिंग बढ़ने के बाद भी राज्य में नए मामलों में गिरावट देखी गई है। यूपी में टोटल पॉजिटिव केस की संख्या एक लाख से नीचे आ गई है।
केंद्र सरकार ने 16 जनवरी को हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया था। कुछ दिन पहले एसोसिएशन ने कहा था कि डॉक्टरों की मौत का डेटा उनकी वैक्सीनेशन की स्थिति के साथ जुटा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 97,37,237 हेल्थकेयर वर्कर्स को कोविड वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है, वहीं 66,89,893 को दोनों डोज लग चुकी है। पिछले साल कोविड से 167 डॉक्टरों की मौत हुई। हालांकि IMA ने कहा था कि 734 डॉक्टरों ने संक्रमण से अपनी जान गंवाई।
सबसे ज्यादा युवा डॉक्टरों की हुई मौत
कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा युवा डॉक्टरों को अपनी जान गवानी पड़ रही है, वहीं ड्यूटी का कर्तव्य निभा रही गर्भवती डॉक्टरों को भी संक्रमण में अपनी जान गवानी पड़ी है। भारत इस समय मुश्किल दौर से गुजर रहा है। कोरोना वायरस हर दिन ढाई लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं और रोजाना मौत का आंकड़ा भी चार हजार के पार बना हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 257,299 नए कोरोना केस आए और 4194 संक्रमितों की जान चली गई है।