कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के मद्देनजर भारत अपने सार्वजनिक स्थानों को सुरक्षित रखने के लिए इजरायल के एक खास कीटाणुनाशक सॉल्यूशन (समाधान) का उपयोग करेगा। यहां एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
इजरायल के रक्षा बलों के लिए इसे विशेष तौर पर जैविक हमले से निपटने के लिए विकसित किया गया था। संक्रमण मुक्त करने के लिए उपयोग होने वाले इस विशेष सॉल्यूशन को इजरायल जैविक अनुसंधान संस्थान (आईआईबीआर) ने विकसित किया है। यह संस्थान सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय की निगरानी में कार्य करता है।
आईआईबीआर कोरोना वायरस का टीका विकसित करने में भी प्रयासरत है। इस सॉल्यूशन को इजरायली कंपनी टेरा नोवैल के जरिए वितरित किया जाता है।यरुशलम पोस्ट की रविवार की रिपोर्ट के मुताबिक, टेरा नोवैल एक गोपनीय समझौते के तहत अपने भारतीय वितरक झीवा इनोवेशंस बायोटेक के जरिए भारत में इस सॉल्यूशन को मुहैया कराएगा।
इसके मुताबिक, इस खास यौगिक का उपयोग हवाईअड्डे, अस्पतालों, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली समेत अन्य स्थानों को संक्रमण मुक्त करने में किया जाएगा। यह नया सॉल्यूशन सतह पर सभी तरह के किटाणुओं, विषाणुओं (कोरोना वायरस समेत) और कवक आदि को शत-प्रतिशत मारने में सक्षम पाया गया है। इतना ही नहीं एक बार सतह पर स्प्रे करने के बाद यह सॉल्यूशन लंबे समय तक सक्रिय रहता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के साथ समन्वय समझौते पर हस्ताक्षर से पहले इस सॉल्यूशन की तकनीक का इजरायल में कई सार्वजनिक स्थानों पर सफल परीक्षण किया जा चुका है। संक्रमण के अधिक जोखिम वाले स्थानों पर भी इसे कारगर पाया गया है।
रिपोर्ट में टेरा नोवैल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केरेन कोहेन हाजोन के हवाले से कहा गया कि इसकी विशेषताएं इसे सार्वजनिक स्थानों, संस्थानों, पर्यटन स्थल अथवा घरेलू इस्तेमाल में भी उपयुक्त बनाती हैं। उन्होंने कहा, ” मुझे पूरा भरोसा है कि यह सॉल्यूशन कोरोना वायरस से निपटने के भारत के प्रयासों में मददगार साबित होगा।”