लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर कम प्रभावी हो सकता है कोविड-19 वैक्सीन

कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार कोविड-19 एंटीबॉडी पर आधारित औषधियां और अब तक विकसित टीके नए स्वरूप पर कम प्रभावी हो सकते हैं क्योंकि वायरस का नया स्वरूप बेहद तेज़ी से फैल रहा है।

कोरोना वायरस के नए स्वरूप पर किए गए एक अध्ययन के अनुसार कोविड-19 एंटीबॉडी पर आधारित औषधियां और अब तक विकसित टीके नए स्वरूप पर कम प्रभावी हो सकते हैं क्योंकि वायरस का नया स्वरूप बेहद तेज़ी से फैल रहा है।यह अध्ययन ‘नेचर मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में कहा गया है कि तेज़ी से फैलते कोरोना वायरस के तीन नए स्वरूप वायरस के मूल स्वरूप पर काम करने वाले एंटीबॉडी पर बेअसर हो सकते है।
सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में वायरस के नए स्वरूप का पता चला था, इसके बाद ब्रिटेन में और ब्राजील में वायरस का नया स्वरूप सामने आया था। अमेरिका के सेंट लुईस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन से अनुसंधानकर्ताओं समेत कई वैज्ञानिकों के अनुसार चीन के वुहान से आए मूल वायरस की तुलना में कोरोना वायरस के नए स्वरूप को बेअसर करने के लिए टीकाकरण या स्वाभाविक संक्रमण के बाद बने अधिक से अधिक एंटीबॉडी या दवा के रूप में इस्तेमाल के लिए तैयार किए गए शुद्ध एंटीबॉडी की आवश्यकता होती है।
अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन से माइकल एस डायमंड ने कहा, हमें चिंता इस बात की है कि जिन लोगों में हम समझते हैं कि कोविड-19 से संक्रमित होने या टीका लेने के कारण उनमें एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर तैयार हो गया होगा, वे भी वायरस के नए स्वरूप से सुरक्षित नहीं हो सकते हैं। अनुसंधानकर्ता ने कहा कि टीकाकरण या स्वाभाविक संक्रमण से किसी व्यक्ति में अधिक से अधिक एंटीबॉडी कैसे तैयार होता है, इस बारे में कई मत हैं।
डायमंड ने कहा, कुछ लोगों में एंटीबॉडी निर्माण का स्तर बेहद उच्च होता है और ऐसे लोग नए स्वरूप के प्रति अधिक सुरक्षित हो सकते है। लेकिन कुछ लोगों खासकर बुजुर्गों और टीका नहीं लिए व्यक्तियों में संभव है कि एंटीबॉडी इतने उच्च स्तर में नहीं बन सकता है। हालिया अनुसंधान में वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में वायरस के तीन नए स्वरूपों को निष्प्रभावी करने के लिए एंटीबॉडी की क्षमता का परीक्षण किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

20 + 12 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।