माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज कहा कि पार्टी कांग्रेस की बैठक से भाजपा को पराजित करने के लिए लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट करने की खातिर नयी दिशा मिलेगी। पार्टी की 22 वीं कांग्रेस में अपने उद्घाटन संबोधन में येचुरी ने कहा कि सिर्फ वाम ही भाजपा की जनविरोधी नीतियों के लिए कोई विकल्प दे सकता है।
उन्होंने कहा , ‘‘ मैं आश्वस्त हूं कि यह कांग्रेस वाम ताकतों की एकता को मजबूत बनाने के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप और लोगों के संघर्ष को तेज करने के लिए हमारी पार्टी की स्वतंत्र गतिविधियों को सुदृढ़ करने की खातिर एक नयी दिशा प्रदान करेगी …. भाजपा को पराजित करने के लिए वाम एवं लोकतांत्रिक ताकतों को।’’
उनकी टिप्पणी हाल के दिनों में हुयी उस तीखी बहस को लेकर काफी महत्व रखती है जिसके कारण माकपा में मतभेद उभरे हैं। पांच दिवसीय माकपा कांग्रेस हैदराबाद में आयोजित हो रही है जिसमें प्रतिनिधि एक संकल्प पर चर्चा करेंगे जिससे अगले तीन साल के लिए पार्टी की राजनीतिक रणनीति तैयार होगी। कांग्रेस पार्टी में निर्णय लेने के लिए सर्वोच्च मंच है।
माकपा में इस बात को लेकर भतभेद है कि कांग्रेस के साथ उसे तालमेल करना चाहिए या नहीं। समझा जाता है कि येचुरी कांग्रेस के साथ तालमेल के पक्ष में हैं और पूर्व महासचिव प्रकाश करात का समर्थन करने वाले धड़े का रूख है कि माकपा को कांग्रेस के साथ कोई गठजोड़ नहीं करना चाहिए। इस धड़े से येचुरी को जोरदार चुनौती मिलने के आसार हैं।
पूर्व सांसद येचुरी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा कि आरएसएस इसका नियंत्रण कर रहा है और ऐसी नीतियों का अनुसरण किया जा रहा है जो देश की एकता और अखंडता के लिए ‘‘ गंभीर खतरा ’’ है।
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