माकपा में सियासी घमासान मचा हुआ है। पार्टी में सीताराम येचुरी और प्रकाश करात के गुटों के बीच तकरार चल रही है। आपको बता दे कि इसी तकरार के बीच सीपीएम ने बुधवार को राज्यसभा सांसद और एसएफआई के पूर्व अखिल भारतीय महासचिव को रितब्रता बनर्जी पार्टी से निष्कासित कर दिया। एसएफआई के इस पूर्व महासचिव के निलंबन के साथ ही ये संकेत और भी स्पष्ट हो गया है कि अगले साल होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय कन्क्लेव से पहले सीपीएम में सीताराम येचुरी और प्रकाश करात कैंप के बीच टकराव और भी तेज होगा।
बता दे कि पिछले दिनों जून में माकपा ने अपने युवा राज्यसभा सांसद रितब्रता बनर्जी के निष्कासन की सिफारिश की गई । जिस पर पार्टी की केंद्रीय समिति बनर्जी के निष्कासन पर अंतिम फैसला लेना । बनर्जी को येचुरी के करीब माना जाता है। ऐसे में बनर्जी का पार्टी से निष्कासित होना येचुरी के शिकस्त के तौर पर भी देखा जा रहा है।
रीताब्रता बनर्जी ने अंग्रेजी अखबार को कहा कि उनकी लड़ाई प्रकाश करात और वृंदा करात के खिलाफ है पार्टी के खिलाफ नहीं। पश्चिम बंगाल राज्य के पार्टी सचिवालय पार्टी संविधान की एक धारा का उल्लेख करते हुए कहा कि कभी-कभी ऐसे मुश्किल हालात बन जाते हैं जब पार्टी कमिटी अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर पार्टी के खिलाफ गतिविधियों के लिए पार्टी के सदस्यों को निलंबित करती है।’ रीताब्रता बनर्जी का निलंबन उनके उस विस्फोटक इंटरव्यू के बाद आया है जिसमें उन्होंने एबीपी आनंदा टीवी को दिये एक इंटरव्यू में पार्टी के आलाकमान पर जमकर बरसे थे। रीताब्रता बनर्जी ने अपने खिलाफ जांच के लिए मोहम्मद सलीम के नेतृत्व में बनाये गये 3 सदस्यीय कमेटी पर जमकर बरसे थे और इसमें ‘कंगारु कमीशन; बताया था। रीताब्रता बनर्जी ने कहा था कि एक गिरोह उनके खिलाफ काम कर रहा है।
रीताब्रता बनर्जी ने कहा कि ये 21 सालों का साथ था, मैं तड़प रहा हूं, मुझे बेहद दुख है क्योंकि ये जड़ों का सवाल है। मैंने पार्टी के सिवा कुछ भी नहीं जाना है, मेरी लड़ाई कुछ लोगों के खिलाफ है। दिल्ली में प्रकाश करात और वृंदा करात के खिलाफ तो पश्चिम बंगाल में उनके एजेंट मोहम्मद सलीम के खिलाफ। उन्होंने कहा कि मैं एक निर्दलीय एमपी के रूप में पश्चिम बंगाल के मुद्दों को उठाना रहेगा।