CPI(M) 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक सभी राज्यों में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव के खिलाफ करेगी प्रदर्शन

CPI(M) 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक सभी राज्यों में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव के खिलाफ करेगी प्रदर्शन
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CPI(M) : सीपीआई(एम) ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि , बेरोजगारी, बुनियादी सेवाओं के निजीकरण, महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश ,और बालिकाओं पर यौन हमलों के खिलाफ 15 अक्टूबर से 15 नवंबर की अवधि के दौरान प्रत्येक राज्य में एक सप्ताह लंबा अभियान चलाने का फैसला किया है।

Highlight 

  • एक राष्ट्र, एक चुनाव से जुड़ी प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं? 

  • सीपीआई(एम) का ONOE के खिलाफ प्रदर्शन

  • एक राष्ट्र, एक चुनाव(ONOE)पर विपक्षी दलों का बड़ा आरोप

CPI(M) 15 अक्टूबर से 15 नवंबर तक प्रत्येक राज्य में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव के खिलाफ करेगी प्रदर्शन

केंद्रीय समिति ने फैसला किया कि 15 अक्टूबर से 15 नवंबर, 2024 की अवधि के दौरान प्रत्येक राज्य में एक सप्ताह का अभियान चलाया जाना चाहिए, सीपीआई (एम) ने मंगलवार को एक बयान जारी किया जिसमें विपक्षी दलों के कई प्रमुख नेताओं ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पहल को लेकर केंद्र की आलोचना की। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा एक राष्ट्र, एक भ्रष्टाचार और एक राष्ट्र, एक आयोग की पार्टी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा झूठा प्रचार कर रही है कि चुनाव कराने में बहुत पैसा बर्बाद होता है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी केंद्र के कदम का विरोध करते हुए कहा कि इससे क्षेत्रीय दलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

One Nation,One Election को लेकर विपक्षी दलों ने की केंद्र सरकार की आलोचना

एक राष्ट्र, एक चुनाव पहल को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अगर भाजपा का इरादा वाकई खर्च से बचने का है तो भाजपा इतनी रैलियां क्यों करती है। उन्होंने कहा कि कल भाजपा देश में चुनाव आयोग (EC) की जरूरत पर भी सवाल उठाएगी और कहेगी कि ईसी अधिकारियों पर बहुत खर्च किया जाता है।अगर एक राष्ट्र, एक चुनाव लागू हो जाता है तो अधिकारियों और कर्मचारियों को लेटरल एंट्री के जरिए लाया जाएगा और उन्हें आउटसोर्स किया जाएगा।अगर वे वाकई खर्च बचाना चाहते हैं तो भाजपा इतनी रैलियां क्यों करती है? कैबिनेट ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव है, साथ ही 100 दिनों के भीतर शहरी निकाय और पंचायत चुनाव कराने का भी प्रस्ताव है।

केंद्र सरकर One Nation,One Election को लागू करना चाहता

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित एक साथ चुनाव संबंधी उच्च स्तरीय समिति ने इस साल की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। सरकार ने कहा कि 18,626 पृष्ठों वाली यह रिपोर्ट हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श और 2 सितंबर, 2023 को इसके गठन के बाद से 191 दिनों के शोध कार्य का परिणाम है।

(Input from ANI)

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