पत्रकारिता में क्षेत्र में यह खबर बेहद ही दुख के साथ पढ़ी जा रही है कि पंजाब केसरी दिल्ली के मुख्य संपादक एवं हरियाणा स्थित करनाल से भाजपा के पूर्व सांसद सदस्य रहे सीनियर पत्रकार श्री अश्विनी कुमार चोपड़ा उर्फ ‘मिन्ना’ जी का कल यानि शनिवार को सुबह दिल्ली में देहांत हो गया।
श्री अश्विनी कुमार 63 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से फेफड़ों के कैंसर की बीमारी से पीडि़त थे। उनका गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। जिसके बाद 18 जनवरी, शनिवार को अश्विनी जी का निधन हो गया।
श्री अश्विनी कुमार अपने पीछे पत्नी व समाज सेविका किरण चोपड़ा समेत तीन बेटे जिनमें आदित्य चोपड़ा, अर्जुन चोपड़ा और आकाश चोपड़ा छोड़ गए। अश्विनी कुमार ‘मिन्ना’ पंजाब केसरी के संस्थापक संपादक श्री रमेश चंद्र चोपड़ा के बड़े सुपुत्र थे।
निगम बोध घाट में हुआ ‘मिन्ना’ जी का अंतिम संस्कार
श्री अश्विनी कुमार चोपड़ा ‘मिन्ना जी’ का आज 19 जनवरी रविवार को दिल्ली स्थित निगम बोध घाट में सुबह 10 बजे अंतिम संस्कार हुआ।
श्री अश्विनी कुमार चोपड़ा ‘मिन्ना जी’ के अंतिम संस्कार में पत्रकारिता के क्षेत्र की अहम हस्तियों और देश की सियासत से जुड़े वरिष्ठ नेताओं के अलावा प्रशासनिक और सामाजिक लोग शामिल हुए।
‘मिन्ना’ जी का लगाव पंजाब से विशेषकर लुधियाना-जालंधर से जुड़ा रहा है और वह अकसर पंजाब के लोगों की चिंता के अतिरिक्त पंजाबी सभ्यता और समाचार की चिंता अपनी लेखनी के माध्यम से करते रहे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदी दैनिक पंजाब केसरी के मुख्य संपादक एवं पूर्व सांसद अश्विनी चोपड़ा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा मैं चोपड़ा जी के निधन से दुखी हूं। उन्हें मीडिया जगत में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा।
करनाल से भाजपा के पूर्व संसद अश्विनी कुमार चोपड़ा के निधन पर केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शोक व्यक्त किया है। राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि मुझे ‘पूर्व सांसद अश्विनी कुमार चोपड़ा के निधन से अत्यंत दुख पहुंचा है। वह एक निर्भीक पत्रकार थे जो बड़ी बेबाकी से विभिन्न मुद्दों पर राष्ट्रहित और समाज हित में अपनी बात रखते थे। उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।’
अश्विनी कुमार ‘मिन्ना’ जी अपने पिता रमेश चंद्र जी के पदचिन्हों पर चलते हुए आतंकवाद और देशद्रोहियों के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे है।बता दें कि श्री रमेश चंद्र चोपड़ा को आतंकवाद के काले दौर के दौरान आतंकवादियों ने पत्रकारिता के लिए शहीद कर दिया था।