लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

Cryptocurrencies: क्रिप्टोकरेंसी के वर्गीकरण पर काम कर रही है सरकार, ताकि लेनदेन पर कर लगाया जा सकें

सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत करने पर काम कर रही है, ताकि लेनदेन के पूरे मूल्य पर कर लगाया जा सके।

भारत  सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी पर अहम काम कर रही हैं और इसके साथ-साथ वस्तुओं एवं सेवाओं के रूप में वर्गीकृत करने पर पूर्ण रुप से काम कर रही हैं। जिससें की लेनदेन के पूरे मूल्य पर कर लगाया जा सकता हैं। 
सेवा पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है
इस समय सिर्फ क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा दी जाने वाली सेवा पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है और इसे वित्तीय सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।जीएसटी अधिकारियों का विचार है कि क्रिप्टो किसी लॉटरी, कैसीनो, सट्टेबाजी, जुआ, घुड़दौड़ के समान हैं, जिनके पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू है।इसके अलावा सोने के मामले में पूरे लेनदेन मूल्य पर तीन प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी लगाने के संबंध में स्पष्टता
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘क्रिप्टोकरेंसी पर जीएसटी लगाने के संबंध में स्पष्टता जरूरी है और हम विचार कर रहे हैं कि क्या इसे पूरे मूल्य पर लगाया जाना चाहिए, और क्या क्रिप्टोकरेंसी को वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।’’एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी के पूरे लेनदेन पर जीएसटी लगाया जाता है तो यह दर 0.1 से एक फीसदी के बीच हो सकती है।अधिकारी ने  कहा, ‘‘कर की दर पर चर्चा शुरुआती चरण में है, चाहे यह 0.1 प्रतिशत हो या एक प्रतिशत। पहले वर्गीकरण पर निर्णय को अंतिम रूप देना होगा और फिर दर पर चर्चा की जाएगी।’’
आम बजट 2022-23 में क्रिप्टो करेंसी
जीएसटी कानून क्रिप्टोकरेंसी के वर्गीकरण के बारे में स्पष्ट रूप से नहीं बताता है और ऐसी वर्चुअल डिजिटल मुद्राओं को विनियमित करने के लिए कानून के अभाव में वर्गीकरण करते समय यह भी ध्यान रखना होगा कि कानूनी ढांचा इसे अनुयोज्य दावे के रूप में वर्गीकृत करता है या नहीं। अनुयोज्य दावा एक ऐसा दावा है, जो न्यायालय में कार्रवाई के योग्य हो।आम बजट 2022-23 में क्रिप्टो परिसंपत्तियों पर आयकर लगाने के संबंध में कुछ स्पष्टता लाई गई है। सरकार क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए अलग से एक कानून पर काम कर रही है, लेकिन अभी तक कोई मसौदा सार्वजनिक रूप से जारी नहीं किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

six − 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।