सुप्रीम कोर्ट के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर फ्री स्पीच पर बात करते हुए कहा कि “फ्री स्पीच पर अंकुश लगाने के लिए कोई भी कदम लोकतंत्र के लिए बहुत गलत होगा। अगर कोई इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग करता है तो सरकार और अदालतों के पास अवमानना की कार्यवाही करने का विकल्प मौजूद है।”
दरअसल, कई राज्यों में इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट या आईपीसी के प्रावधानों का सहारा लेकर लोगों के खिलाफ कार्यवाही करके सोशल मीडिया पर फ्री स्पीच पर अंकुश लगाने के प्रयास पर वेणुगोपाल ने कहा, “सोशल मीडिया पर फ्री स्पीच पर अंकुश लगाना लोकतंत्र के लिए बहुत गलत होगा। नागरिकों के पास चाहे वह सोशल मीडिया पर या दूसरी जगह, लोकतंत्र में संस्थानों के काम करने के बारे में अपने विचार रखने की आवश्यक स्वतंत्रता होनी चाहिए।
अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा कि “लोकतंत्र में सोशल मीडिया को रेगुलेशन की बात कहने वाला मैं आखिरी व्यक्ति बनूंगा। मुझे लगता है कि लोकतंत्र के लिए सोशल मीडिया जरूरी है। अथॉरिटीज को आम जनता के व्यूज के बारे में पता चलता है। अगर कोई फ्रीडम का दुरुपयोग करता है तो सरकार कानून के प्रावधानों के तहत कार्रवाई कर सकती है और संवैधानिक अदालतें अवमानना कार्यवाही का सहारा ले सकती हैं पर फ्रीडम ऑफ स्पीच पर अंकुश लगाया जाता है, तो यह लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा।”