पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस कार्यकारिणी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि यह सरकार कोविड-19 से साहस और प्रभावी तरीके से निपटने में असफल रही है और अब देश के समक्ष इससे बड़ संकट चीन सीमा पर पैदा हो गया है। यह बहुत गंभीर मामला है और इससे निप के लिए सरकार को गंभीर और प्रभावी प्रयास करने होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक में भाग ले चुके पूर्व रक्षामंत्री ए.के. एंटनी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने सीडब्ल्यूसी को सीमा की स्थिति पर जानकारी दी।
सर्वदलीय बैठक में मोदी के बयान और बाद में पीएमओ द्वारा स्पष्टीकरण के बाद मनमोहन सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री की निंदा की थी और उन पर “गलत सूचना” देने का आरोप लगाया था। सिंह ने कहा था कि प्रधानमंत्री को अपने शब्दों के असर के बारे में पता होना चाहिए।
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प्रधानमंत्री अपने शब्दों का इस्तेमाल अपने रुख के एक अनुमोदन के रूप में नहीं कर सकते और उन्हें यह हर हाल में सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस संकट से निपटने और इसे और बढ़ने से रोकने के लिए एकसाथ मिलकर काम करें।”मनमोहन सिंह ने सोमवार को अपने बयान में कहा था, “हम सरकार को याद दिलाते हैं कि गलत सूचना कूटनीति या निर्णायक नेतृत्व का कोई विकल्प नहीं है।
मनमोहन सिंह शुक्रवार की सर्वदलीय बैठक में, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी में 15 जून की रात की घटना, जिसमें एक कमांडिंग ऑफिसर सहित 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, पर मोदी के बयान और बाद में पीएमओ के स्पष्टीकरण की आलोचना कर रहे थे। प्रधानमंत्री के उस बयान का इस्तेमाल चीन ने गलवान घाटी में अपने कुकृत्यों से इंकार करने के लिए किया था।