ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक के कोरोना टीके कोवाक्सिन को तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी के लिए सिफारिश कर दी है। डीसीजीआई ने कहा कि सिफारिश पहले और दूसरे चरण के आंकड़ों के साथ-साथ पशुओं पर किए अध्ययन के आकलन के बाद की गई है।
तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण के संचालन की अनुमति देने के लिए यह सशर्त मंजूरी सिफारिश है। तीसरे चरण के परीक्षणों में रोगसूचक मामलों के लिए प्राथमिक प्रभावकारिता का अध्ययन परिणामों के तहत इसमें संशोधन किया जा सकता है। पहली शर्त यह है कि एक संदिग्ध मामले की पुष्टि होने पर पीआई नैदानिक जानकारी का मूल्यांकन एक रोगसूचक मामले के रूप में वर्गीकृत करने के लिए करेगा।
दूसरी शर्त यह कि प्रतिभागी निश्चित तौर पर मानदंड ए या बी के साथ सिम्प्टोमैटिक हो और आरटी-पीसीआर की सकारात्मक पुष्टि हुई हो। भारत बायोटेक वर्तमान में डीसीजीआई से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद कोवाक्सिन के द्वितीय चरण के मानव परीक्षणों का आयोजन कर रहा है।