लुधियाना : देश की तरक्की में नकदी को पछाड़कर जहां ई-वायलेट ने लोगों की जेबों पर कब्जा किया है वही थोड़ी सी लापरवाही मात्र से लोग अकसर अपनी खून-पसीने की गाढ़ी कमाई को दूसरों के हवाले ऐश-परस्ती के लिए दे बैठते है। ऐसे ही दर्जनों घटनाओं के उपरांत पंजाब पुलिस ने एक खतरनाक साइबर गिरोह को दबोचा है, जिसने बहुत बखूबी से घटनाओं को अंजाम देकर अपने वारे-नयारे कर लिए। हालांकि इस कार्यवाही के दौरान ठग गिरोह की एक महिला सदस्य ने पुलिस के शिकंजे से बचने के लिए आत्महत्या भी कर ली।
महानगर में साइबर क्राइम की वारदातों से परेशान लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट ने इन वारदातों को अंजाम देने वाले एक बडे गिरोह का पर्दाफाश करके गिरोह के किंगपिन सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफतार लोगों में महानगर के पैट्रोल पंप के कारिंदे भी शामिल है, जोकि पैट्रोल डलवाने आते ग्राहकों के कार्ड स्वाइप करते समय उसका डाटा व पासवर्ड बडी चालाकी से चुरा लेते थे। जिसके बाद गिरोह का मुखिया इसके जरिये संबंधित कार्ड के अकाउंड में से आनलाइन पैसे निकाल लेता था तथा गिरोह यह डाटा दिल्ली व कोलकाता में बैठे साइबर क्रिमिन्लस को भी बेच रहा था।
उल्लेखनीय है कि इस गिरोह की ही एक महिला सदस्य रमनदीप ने पुलिस के हत्थे चढने के बाद थाने के बाथरूम में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस सबंधी पत्रकारों को जानकारी देते हुए एडीसीपी संदीप गर्ग ने बताया कि पिछले डेढ महीने में महानगर में साइबर क्राइम के जरिये लोगों के बैंक अकाउंट में से आनलाइन पैसे निकाले जा रहे थे। इस संबंधी पुलिस थाना दुगरी में एक केस दर्ज किया गया था। जिसकी जांच के दौरान दुगरी के ही निवासी मुकुल गर्ग को हिरासत में लिया गया। जिससे पुलिस ने एटीएम कार्ड के क्लोन तैयार करने वाली डिवाइस, लोगों के जाली आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस व अन्य सामान बरामद किया। पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह पैट्रोल पंप के कारिंदों को अपसे साथ मिला लेते थे तथा उनकी मिलीभगत से पंप पर पैट्रोल डलवाने आने वाले लोगों के एटीएम कार्ड का डाटा चोरी करने के बाद पासवर्ड भी चुपके से देखकर उन्हें बता देते थे।
इसके बाद पैट्रोल पंप कारिंदे को प्रति कार्ड आठ सौ रूपये का भुगतान होता था। इसके बाद पुलिस ने दुगरी रोड के रिलायंस पंप के कारिंदे दविंदर कुमार व शुभम, समराला चौक भारत पैट्रोलियम पंप के कारिंदे बिक्रमजीत सिंह, धूरी रेलवे लाइन नजदीक बांसल फिलिंग स्टेशन के कारिंदे रविंदर सिंह को गिरफतार कर लिया। इन लोगों से रमनदीप ने ही मुलाकात की थी तथा गिरोह में शामिल करवाया था। इसी प्रकार यह गिरोह एटीएम मशीन में कार्ड स्वैप करने वाली जगह पर भी एक डिवाइस फिट कर देते थे तथा जब कोई एटीएम कार्ड का इस्तेमाल करता था तो सारा डाटा इसमें सेव हो जाता था। जिसके बाद यह लोग एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार करके पैसे निकाल लेते थे।
एडीसीपी ने बताया कि अब तक इस गिरोह से 79 कार्डों के क्लोन तैयार किए थे। फिलहाल इनके द्वारा की गई अधिकतर वारदातें लुधियाना से संबंधित है तथा दिल्ली व कोलकाता के लिंक की भ्भी गहराई से जांच की जा रही है। इनके साथ और कितने लोग है तथा पैट्रोप पंप मालिक से लेकर एटीएम के सिक्योरिटी गार्ड सबकी शमूलियत के बारे जांच की जा रही है तथा लोगों से भी एटीएम का इस्तेमाल करते हुए सावधानी बरतने की जरूरत है।
– सुनीलराय कामरेड