श्योपुर : सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत जिले के शासकीय स्कूलों की शैक्षणिक गतिविधियों सहित उपलब्ध संसाधनों की क्या स्थिति है? इसका पता अब ग्रेडिंग सिस्टम से चलेगा। हर गतिविधि के लिए अंक तय किए गए हैं। पांच केटेगरी में अंक प्रदान किए जाएंगे। इस सिस्टम से प्रदेश स्तर पर जिलों की वास्तविक स्थिति का आसानी से पता लगाया जा सकेगा।
ग्रेडिंग सिस्टम के संबंध में राज्य शिक्षा केन्द्र ने जिला कलेक्टर,जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी,जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयकों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए शासन ने ग्रेडिंग सिस्टम लागू कर दिया है। ग्रेडिंग प्रणाली से अब प्रत्येक जिले में शिक्षा के स्तर का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। उसी आधार पर सुधार की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
नवंबर एवं दिसम्बर माह की ग्रेडिंग इसी सिस्टम के आधार पर तय होगी। निधारित मापदण्डों के आधार पर ग्रेडिंग तय होने से जिलों की स्थिति का आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि कौन सा जिल किस स्टेज पर है। हर जिले की ग्रेडिंग के लिए महत्वपूर्ण बिंदु,स्त्रोत व गणना का तरीका निकाला गया है। निर्धारित बिन्दुओं पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई कर अपने-अपने जिले की स्थिति में सुधार लाने का प्रयास करने के निर्देश जारी किए गए हैं। देखना यह है कि राज्य शिक्षा केन्द्र के इस ग्रेडिंग सिस्टम के बाद जिलों की स्थिति में क्या सुधार हो पाते हैं या फिर यूं ही यह सिस्टम महज दिखावा साबित होकर रह जाएगा।
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