कोरोना महामारी के कारण लंबित की गई कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा। सीबीएसई ने कोर्ट को बताया है कि बोर्ड की शेष परीक्षाएं 1 जुलाई से कराईं जाएं या नहीं इस पर फैसला एंडवांस स्टेज की प्रक्रिया में है। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई को 25 जून दोपहर 2 बजे तक के लिए टाल दिया।
दरअसल, कोरोना संकट को देखते हुए कुछ अभिभावकों के एक समूह ने 10वीं और 12वीं कक्षा की बाकी परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई तक आयोजित कराने की अधिसूचना को रद्द करने को लेकर याचिका दाखिल की थी। छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन या व्यावहारिक परीक्षाओं के लिए दिए गए अंक के आधार पर अंक प्रदान करने के लिए भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिशा की सरकारों ने भी मानव संसाधन विकास मंत्रालय से ऐसा ही अनुरोध किया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के दौरे पर, हथियारों की डील को लेकर होगी चर्चा
अभिभावकों ने याचिका में कहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामलों के बीच परीक्षाओं में बैठने पर छात्रों के संक्रमित होने का खतरा रहेगा। सीबीएसई ने एक जुलाई से 15 जुलाई तक बोर्ड की परीक्षाएं कराने का फैसला किया है ताकि प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के पहले ये संपन्न हो जाएं। इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा जेईई मेन्स 18-23 जुलाई के बीच आयोजित होगी, मेडिकल में प्रवेश के लिए नीट की परीक्षा 26 जुलाई को होगी।