पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के खत्म होने की खबरों के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा के पटल पर अपना बयान रखा। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत-चीन बॉर्डर की स्थिति को लेकर सदन में सवाल पूछे थे और रक्षामंत्री से इस आशय में जवाब मांगा था। रक्षामंत्री ने आज इस पर जवाब देते हुए बताया कि भारत-चीन के बीच पैंगोंग लेक के पास विवाद पर समझौता हो गया है और दोनों ही देश की सेनाएं अपने सैनिकों को पीछे हटाएंगी।
रक्षामंत्री ने अपने बयान में कहा कि हम नियंत्रण रेखा पर शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत ने हमेशा द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने पर जोर दिया है। विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस पार्टी से हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते ही देश एकजुट हो जाता है।
उन्होंने बताया कि वार्ता के दौरान, हमने चीन से कहा कि हम तीन सिद्धांतों पर आधारित मुद्दे का समाधान चाहते हैं। सबसे पहले, दोनों पक्षों को एलएसी पर सहमत होना चाहिए और इसका सम्मान करना चाहिए। दूसरे, किसी भी दल द्वारा एकतरफा स्थिति बदलने का प्रयास नहीं होना चाहिए। तीसरा, सभी समझौतों पर दोनों पक्षों द्वारा पूरी तरह से सहमति होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले साल से, हमने चीन के साथ सैन्य और राजनयिक स्तरों पर संबंध बनाए रखा है।
रक्षामंत्री ने कहा, फ्रिक्शन क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट के लिए भारत का यह मत है कि 2020 की फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट जो एक-दूसरे के बहुत नजदीक हैं वे दूर हो जाएं और दोनों सेनाएं वापस अपनी-अपनी स्थाई एवं मान्य चौकियों पर लौट जाएं। बातचीत के लिए हमारी रणनीति तथा दृष्टिकोण माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के इस दिशा निर्देश पर आधारित है कि हम अपनी एक इंच ज़मीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे। हमारे दृढ़ संकल्प का ही यह फल है कि हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा है कि 1962 के बाद से ही चीन के कब्जे में हमारा बड़ा इलाका है। साथ ही उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमारे निरंतर वार्ता में तय हुआ है कि दोनों देश पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारे से पेट्रोलिंग नहीं करेंगे। भारत-चीन चरणबद्ध तरीके से आगे की तैनाती को हटा देगा। उन्होंने सदन को इस बात से भी अवगत कराया है कि इस वार्ता में भारत ने कुछ नहीं खोया है।
उन्होंने कहा, चीन पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर 8 के पूर्व में अपने सैनिकों को रखेगा। भारत अपने सैनिकों को फिंगर 3 के पास अपने स्थायी बेस पर रखेगा। भारत-चीन ने दोनों ने तय किया है कि अप्रैल 2020 से पहले ही स्थिति को लागू किया जाएगा, जो निर्माण अभी तक किया गया उसे हटा दिया जाएगा। जिन जवानों ने अपनी जान इस दौरान गंवाई है उन्हें देश हमेशा सलाम करेगा। पूरा सदन देश की संप्रभुता के मुद्दे पर एक साथ खड़ा है।