वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट में सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाने के साथ-साथ मौजूदा चुनौतियों से निपटने के लिए सशस्त्र सेनाओं के हाथ मजबूत करने के उद्देश्य से रक्षा बजट में नौ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए सवा पांच लाख करोड़ रूपये से अधिक का आवंटन किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए कहा कि रक्षा बजट के लिए 5,25,166 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है। इसमें पेंशन के मद में दी जाने वाली राशि भी शामिल हैं। यह वर्ष 202।-22 के 4 लाख 78 हजार 196 करोड़ के रक्षा बजट की तुलना में नौ प्रतिशत अधिक है।
पिछले वर्ष की तुलना में 12.6 प्रतिशत है अधिक : सीतारमण
सीतारमण ने कहा कि बजट में पूंजी आवंटन 152,369 करोड रूपये किया गया है जो वर्ष 202।-22 के 135,000 करोड़ की तुलना में 12.6 प्रतिशत अधिक है। रक्षा बजट में राजस्व का हिस्सा 2.39 लाख करोड़ और पेंशन के लिए 1.19 लाख करोड़ रूपये रखा गया है। सरकार ने रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया के बल पर आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़े कदम उठाते हुए खरीद बजट का 68 प्रतिशत हिस्सा घरेलू कंपनियों के लिए निर्धारित कर दिया है। वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में निर्धारित खरीद बजट के 68 प्रतिशत की खरीददारी घरेलू कंपनियों से करने का प्रावधान किया गया है। इससे रक्षा क्षेत्र में आयात कम होगा और घरेलू स्तर पर ही सशस्त्र सेनाओं की जरूरतें पूरी की जा सकेंगी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास को भी निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि इसके अलावा निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब रक्षा अनुसंधान एवं विकास को भी निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया है। बजट में यह प्रावधान किया गया है कि रक्षा अनसंधान और विकास के लिए निर्धारित आवंटन की 25 प्रतिशत राशि निजी क्षेत्र के साथ सहयोग में खर्च की जाएगी । उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी के परीक्षण और उसके प्रमाणन के लिए निजी कंपनियों के वास्ते एक स्वतंत्र संस्था का गठन किया जाएगा।
एसआईडीएम ने बजट का किया स्वागत
गैर लाभकारी संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन डिफेंस मेन्यूफैक्चर्स (एसआईडीएम) ने खरीद बजट की 68 फीसदी राशि घरेलू कंपनियों के लिए निर्धारित किए जाने का स्वागत किया है। संस्था के अध्यक्ष एस पी शुक्ला ने कहा है कि इससे निवेश का प्रवाह बना रहेगा तथा क्षमता निर्माण में बढ़ोत्तरी होगी। इससे पहले घरेलू कंपनियों से खरीद के लिए 58 फीसदी हिस्सा निर्धारित था। उन्होंने कहा कि रक्षा प्रणालियों और प्लेटफार्म के लिए टेसि्टंग तथा प्रमाणन संस्था के गठन से घरेलू उद्योग को फायदा मिलेगा।