रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के वीर शहीदों के आश्रितों और अभियानों तथा युद्धों में लड़ते हुए दिव्यांग हुए सैनिकों की देखभाल को सभी नागरिकों का सामूहिक दायित्व करार देते हुए लोगों से सशस्त्र झंडा दिवस कोष में बढ़-चढ़ कर योगदान देने की अपील की है।
राजनाथ सिंह ने हर वर्ष सात दिसम्बर को मनाये जाने वाले सशस्त्र झंडा दिवस से पहले अपने संदेश में आज कहा कि इस दिन को वीर शहीदों, वीर नारियों और उनके परिजनों के प्रति सम्मान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पूरे दिसम्बर माह को सैनिक बोर्डों के माधमों से सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में ‘गौरव माह’ के रूप में मनाया जायेगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी से लेकर आज तक देश ने कई चुनौतियों का सामना किया है चाहे वे देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए लड़े गये युद्ध में विजय हासिल करने की हो या सीमा पार से हाे रही आतंकवादी गतिविधियों का सामना करने की, सशस्त्र सेनाओं ने बहुत मुस्तैदी से सभी चुनौतियों का सामना किया है।
उन्होंने कहा कि “इस पराक्रम के दौरान हमारे अनेक वीर जवानों ने सर्वोच्च बलिदान भी दिया है और कई दिव्यांग भी हुए हैं। परिवार के मुखिया की मृत्यु होने पर परिवार पर जाे बीतती है उसका अनुमान लगाना भी मुश्किल है। उन शहीदों वीर नारियों और बच्चों जिन्हें वे पीछे छोड़ गये हैं या वो सैनिक जो अपनी मातृ भूमि की रक्षा करते हुए जख्मी हुए हैं उनके प्रति हमारा बहुत बड़ा दायित्व बनता है।”