रूस और यूक्रेन के बीच मौजूद तनाव इस समय समूचे विश्व में चिंता का विषय है। दोनों क्षेत्रों में बनी युद्ध की स्थिति पर भारत अपना पक्ष रख चुका है। यूएनएससी की आपात बैठक में भारत ने सभी पक्षों को संयम बरतने और पारस्परिक रूप से सौहार्दपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के पर जोर दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसी बयान को दोहराते हुए वार्ता के जरिए समाधान पर ज़ोर दिया।
उत्तर प्रदेश के बलिया में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि “भारत वार्ता के जरिए समाधान चाहता है और शांति स्थापित करना चाहता है। मुझे यकीन है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के बीच बातचीत के बाद कोई समाधान निकलेगा। भारत अंतरराष्ट्रीय शांति बनाए रखने के पक्ष में है।”
UNSC की बैठक में भारत ने दोहराया अपना पक्ष
संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि रूस के साथ यूक्रेन की सीमा पर तनाव बढ़ने से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है। उन्होंने कहा, इस स्थिति में सभी देशों की पहली प्राथमिकता सुरक्षा हितों को ध्यान में रखते हुए तनाव को काम करना है। तिरुमूर्ति ने बैठक में जोर दिया कि, इस मुद्दे को कूटनीतिक बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, हमें उन दलों द्वारा हाल ही में की गई पहलों को स्थान देने की आवश्यकता है जो तनाव को दूर करना चाहते हैं। टीएस तिरुमूर्ति ने मिन्स्क समझौतों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, हमे तनाव को कम करने के लिए प्रमुख सुरक्षा और राजनीतिक पहलुओं सहित मिन्स्क समझौतों के प्रावधानों के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए सामान्य आधार खोजने के लिए अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि, नागरिकों की सुरक्षा भारत के लिए पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, यूक्रेन में 20 हजार से अधिक भारतीय छात्र रहते हैं और इसके सीमावर्ती क्षेत्रों में अध्ययन करते हैं। भारतीय नागरिकों की भलाई हमारे लिए प्राथमिकता है।