भारत समेत लगभग पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी के संकट से गुजर रही है। देश में वायरस से संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, दूसरी ओर सीमा पार से लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है। इसी के चलते शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के शीर्ष कमांडरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि देश का ध्यान कोरोना वायरस महामारी से निपटने पर केंद्रित रहने के दौरान विरोधियों को अपने नापाक इरादों पर आगे बढ़ने का कोई मौका नहीं मिलने पाए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारी के मुताबिक, एक उच्च स्तरीय बैठक में सिंह ने सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की। सिंह ने सशस्त्र बलों से फिजूल खर्च से बचने और देश की अर्थव्यवस्था पर महामारी के प्रतिकूल प्रभाव के मद्देनजर वित्तीय संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने को कहा। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने सिंह को जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के साथ ही चीन से लगी 3,500 किलोमीटर लंबी सीमा की स्थिति से अवगत कराया। नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने रक्षा मंत्री को हिंद महासागर क्षेत्र की स्थिति के बारे में जानकारी दी जहां चीन युद्धपोतों और पनडुब्बियों की तैनाती बढ़ा रहा है।
अधिकारियों ने कहा कि इस क्षेत्र में लगभग सभी देशों का ध्यान कोरोना वायरस महामारी से निपटने पर होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों को भेजने का पाकिस्तान का प्रयास जारी है।जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने बुधवार को कहा था कि पाकिस्तान कोविड-19 संक्रमित आतंकवादियों को कश्मीर भेज रहा है ताकि घाटी के लोगों में बीमारी फैल सके। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सिंह ने उम्मीद जतायी कि कोरोना वायरस से मुकाबला करते हुए सेनाएं सुनिश्चित करेंगी कि विरोधियों को मौजूदा स्थिति का फायदा उठाने का मौका न मिले।
बैठक में नौसेना प्रमुख के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे, वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, रक्षा सचिव अजय कुमार और सचिव रक्षा (वित्त) गार्गी कौल ने भी भाग लिया। सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना की प्रमुख कमानों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में भाग लिया। अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने शीर्ष सैन्य कमांडरों को ऐसे कार्यों और परियोजनाओं की पहचान करने को कहा जिनसे लॉकडाउन हटने के बाद अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में सहायता मिल सकती है।