रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में देश की एकमात्र एकीकृत सैन्य कमान की अभियानगत तैयारियों की समीक्षा करने के बाद कहा कि भारत का लक्ष्य अपनी सेना को दुनिया की सबसे मजबूत सेना बनाना है।
रक्षा मंत्री ने पोर्ट ब्लेयर में कमान के मुख्यालय की यात्रा के दौरान द्वीपसमूह के सामरिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास का भी जायजा लिया।
अंडमान-निकोबार कमान (एएनसी) हिंद महासागर में चीन की बढ़ती घुसपैठ के मद्देनजर इस क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
अंडमान-निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ (सीआईएनसीएएन) लेफ्टिनेंट जनरल अजय सिंह ने रक्षा मंत्री को द्वीपसमूह की भू-रणनीतिक क्षमता और भारत के प्रभाव को बढ़ाने व क्षेत्र में सैन्य अभियानों के समर्थन में द्वीपों की भूमिका के बारे में बताया।
राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाने और समुद्री क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए कमान की सराहना करते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों को दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक बनाना है।”
रक्षा मंत्रालय के अनुसार उन्होंने उस बहादुरी और मुस्तैदी का भी विशेष उल्लेख किया, जिसके साथ सशस्त्र बल उत्तरी क्षेत्र में हाल की स्थितियों से निपटे।
सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि सशस्त्र बलों का साहस और समर्पण देश के लिए एक “सुनहरा भविष्य” तय करेगा । उन्होंने सैनिकों को आश्वस्त किया कि जिस तरह वे देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, उसी तरह सरकार भी उनके कल्याण के लिए हमेशा तैयार है।
रक्षा मंत्री ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में, हमने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है। हमने ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन को साकार करने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं।”
उन्होंने कहा, “हमारी सशस्त्र सेना जल्द ही दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक होगी। यह हमारा दृष्टिकोण और साथ ही हमारा मिशन है।”
इससे पहले रक्षा मंत्री ने क्वाड-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर की समीक्षा की और 29 दिसंबर, 1943 को नेताजी के ऐतिहासिक आगमन के स्थान संकल्प स्मारक का दौरा किया।
संकल्प स्मारक में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय सेना के सैनिकों के बलिदान का सम्मान करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
पोर्ट ब्लेयर में उनके आगमन पर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के लेफ्टिनेंट गवर्नर एडमिरल डीके जोशी (सेवानिवृत्त), सीआईएनसीएएन और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।