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5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए भू एवं समुद्री सीमा की रक्षा आवश्यक : अमित शाह

शाह ने विभिन्न सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय के महत्व पर बल दिया और कर्मियों से तीक्ष्ण खुफिया विश्लेषण करने के लिए कहा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को सुरक्षा एजेंसियों से कहा कि वे देश की भू एवं समुद्री सीमा की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि भारत के पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य में आगामी वर्षों में ये चुनौतियां सामने होंगी। खुफिया ब्यूरो (आईबी) के 32वें ‘एंडोमेंट व्याख्यान’ के अवसर पर गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आतंकवाद, नक्सलवाद और पूर्वोत्तर से उग्रवाद को अगले पांच वर्षों में पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।
 
उन्होंने पिछले पांच वर्षों में आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने सहित राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों से सक्षम तरीके से निपटने और पूर्वोत्तर में ‘‘काफी प्रभावी तरीके से’’ आतंकवाद से निपटने के लिए आईबी की प्रशंसा की। देश के पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के परिप्रेक्ष्य में आगामी वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियां गिनाते हुए शाह ने ‘‘अपनी जमीन और समुद्री सीमा की रक्षा’’ पर विशेष बल दिया।
 
उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों का समाधान ढूंढने के लिए कर्मियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है और कहा कि उन्हें ज्यादा प्रभावी बनने के लिए अपने रूख में बदलाव लाना चाहिए। एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अथक और अनाम रह कर काम करने के लिए उन्होंने आईबी के कर्मियों को सलाम किया’’ और देश को सशक्त बनकर उभरने में उनके योगदान की सराहना की। 
शाह ने कहा कि आईबी ने आतंकवाद और नक्सलवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है। शाह ने विभिन्न सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय के महत्व पर बल दिया और कर्मियों से तीक्ष्ण खुफिया विश्लेषण करने के लिए कहा। 
उन्होंने साथ ही कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों के समाधान के लिए वे चरणबद्ध एवं समयबद्ध रणनीति अपनाएं। उन्होंने आईबी कर्मियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके कार्य को ‘‘इतिहास के पन्ने में स्वर्णाक्षरों में अंकित किया जाएगा।’’ 

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