सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जमीन हड़पने के एक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई में देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह न्याय का मजाक है। जस्टिस एल नागेश्वर राव और बी आर गवई ने कहा कि आजम खान को 87 में से 86 मामलों में जमानत मिल गई है सिर्फ एक मामले को छोड़कर जिस कारण वह जेल में बंद हैं। पीठ ने कहा, “वह एक को छोड़कर सभी मामलों में जमानत पर बाहर हैं, यह न्याय का मजाक है। हम और कुछ नहीं कहेंगे। हम बुधवार को इस पर सुनवाई करेंगे।”
आजम खान की सुनवाई में देरी पर SC ने जताई नाराजगी
आजम खान के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट ने जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार को मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परियोजना के लिए संपत्ति हड़पने के मामले में आजम खान की जमानत अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। हाईकोर्ट ने 4 दिसंबर 2021 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हालांकि, राज्य सरकार ने बाद में एक आवेदन जमा किया और नए हलफनामे के माध्यम से कुछ नए तथ्य पेश करने की अनुमति मांगी, जो गुरुवार को दायर किए गए थे।
आजम खान पर है संपत्ति हथियाने का आरोप
आजम खान और अन्य के खिलाफ संपत्ति को कथित रूप से हथियाने और सार्वजनिक धन में सैकड़ों करोड़ की हेराफेरी के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया था कि विभाजन के दौरान, एक इमामुद्दीन कुरैशी पाकिस्तान गया था और उसकी जमीन को दुश्मन की संपत्ति के रूप में दर्ज किया गया था, लेकिन आजम खान ने अन्य लोगों के साथ मिलकर 13.842 हेक्टेयर के भूखंड को हड़प लिया।
SC ने क्यों किया था अंतरिम जमानत देने से इंकार
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में उत्तर प्रदेश चुनावों में प्रचार करने के लिए खान को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और उन्हें शीघ्र निपटान के लिए संबंधित अदालत से संपर्क करने के लिए कहा था। खान द्वारा दायर याचिका में तर्क दिया गया था कि राज्य ने हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान यह सुनिश्चित करने के लिए कार्यवाही में जानबूझकर देरी करने के लिए उपलब्ध सभी साधनों को अपनाया है। आजम खान इस वक्त रामपुर में उनके खिलाफ दर्ज भूमि हथियाने सहित कई मामलों के सिलसिले में सीतापुर जेल में बंद है।