सरकार ने शुक्रवार को संसद में स्वीकार किया कि मुंबई-अहमदाबाद उच्च गति रेल परियोजना (बुलेट ट्रेन) के कार्यान्वयन में देरी हुयी है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि विशेष तौर पर महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी और तत्पश्चात ठेकों को अंतिम रूप देने सहित विभिन्न वजहों से इसमें विलंब हुआ।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी, तत्पश्चात ठेकों को अंतिम रूप देने में देरी एवं कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव से मुंबई-अहमदाबाद उच्च गति रेल परियोजना के कार्यान्वयन में विलंब हुआ।
मंत्री ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद उच्च गति रेल परियोजना के लिए अभी तक गुजरात में 954.28 हेक्टेयर में 941.13 हेक्टेयर यानी 98.62 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण किया गया है जबकि दादर एवं नागर हवेली में 7.90 हेक्टेयर (100 प्रतिशत) भूमि का अधिग्रहण हो चुका है लेकिन महाराष्ट्र में 433.82 हेक्टेयर में से 247.01 हेक्टेयर भूमि का ही अधिग्रहण हो सका है जो 56.39 प्रतिशत है।
उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि रेल मंत्रालय ने सात उच्च गति रेल गलियारों के लिए सर्वेक्षण करने और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का निर्णय लिया है। इनमें दिल्ली-वाराणसी, मुंबई-नागपुर, दिल्ली- अहमदाबाद, मुंबई- हैदराबाद, चेन्नई-बैंगलूरू-मैसूर, वाराणसी-हावड़ा और दिल्ली-अमृतसर खंड शामिल हैं। उन्होंने हालांकि कहा कि उपर्युक्त में से किसी भी उच्च गति गलियारे को अभी मंजूरी नहीं दी गयी है।