कृषि कानूनों को लेकर दो हफ्ते से राजधानी दिल्ली की सीमा पर किसान लोग डटे हुए हैं। इस मुद्दे पर किसानों और सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत हो चुकी है। विपक्ष कृषि कानूनों को लेकर आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में लगातार खड़ी नजर आ रही है। इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा।
पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, द्रमुक के एक प्रतिनिधि, भाकपा के महासचिव डी राजा और येचुरी शामिल होंगे। मंगलवार को शरद पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने के पहले (कृषि कानूनों का विरोध करने वाले) विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता बैठक कर चर्चा करेंगे और सामूहिक रुख अपनाएंगे।’’
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विपक्षी दलों की बैठक से इनकार किया गया क्योंकि अधिकतर नेता दिल्ली में नहीं हैं। कांग्रेस समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों ने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर सरकार ने सितंबर में तीनों कृषि कानूनों को लागू किया था। सरकार ने कहा था कि इन कानूनों के बाद बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसानों को देश में कहीं पर भी अपने उत्पाद को बेचने की अनुमति होगी।