नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय में एक गैर सरकारी संगठन(एनजीओ) ने याचिका दायर कर केंद्र और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के खिलाफ अवमानना कार्यवाही करने की मांग की है। याचिका में दलील दी गई है कि डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के बारे में शीर्ष न्यायालय के पूर्व के एक आदेश का कथित तौर पर उल्लंघन किया गया है।
गौरतलब है कि शीर्ष न्यायालय ने नवंबर 2014 में कहा था, ‘‘हम अपनी सिर्फ यह इच्छा प्रकट करेंगे कि लोगों की जान बचा कर ईश्वर के दूत के रूप में काम करने वाले डॉक्टरों को किसी भी कारण हड़ताल का सहारा नहीं लेना चाहिए, बल्कि हर वक्त दक्षता और पूरी गंभीरता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।’’ शीर्ष न्यायालय ने यह टिप्पणी करने के दौरान डॉक्टरों को हड़ताल पर जाने से नहीं रोका था।
‘पीपुल फॉर बेटर ट्रीटमेंट’ नाम के एनजीओ ने दलील दी कि देश के उच्चतम न्यायालय के बार- बार और स्पष्ट अपील के बावजूद देश भर के डॉक्टरों का हड़ताल पर जाना, अस्पताल की नियमित सेवाओं को बाधित करना और असहाय रोगियों की पीड़ा बढ़ाना जारी है। एनजीओ ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में पिछले महीने डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए…आईएमए की पहल पर 17 जून को देश भर में डॉक्टर हड़ताल पर चले गए जिससे पूरे देश में चिकित्सा सेवाएं चरमरा गई, जैसा कि मीडिया में खबरें आई थी।